Eureka : इन्होंने ढूंढा पानी की बूंदों से बिजली बनाने का तरीका, देखें VIDEO
हमारे जीवन में बिजली, यानी करेंट या इलेक्ट्रिसिटी कितनी जरूरी हो चुकी है, यह हम आैर आप भली-भांति जानते हैं. एेसे में हम आपको बिजली से जुड़े एक आविष्कार के बारे में बताने जा रहे हैं. यह आविष्कार हमारी ऊर्जा की जरूरतों को काफी हद तक पूरा कर सकता है. यह उन घरों को रोशन […]
हमारे जीवन में बिजली, यानी करेंट या इलेक्ट्रिसिटी कितनी जरूरी हो चुकी है, यह हम आैर आप भली-भांति जानते हैं. एेसे में हम आपको बिजली से जुड़े एक आविष्कार के बारे में बताने जा रहे हैं.
यह आविष्कार हमारी ऊर्जा की जरूरतों को काफी हद तक पूरा कर सकता है. यह उन घरों को रोशन करनेमें भी सक्षम है, जहां किसी और तरीके से बिजली का पहुंचना मुश्किल है़
यह आविष्कार है एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक सेल का, जिसे तैयार किया है देश की प्रतिष्ठित नेशनल फिजिकल लैबोरेटरी (NPL) के चीफ साइंटिस्ट डॉ आरके कोटनाला और उनकी सहयोगी डॉ ज्योति शाह ने.
डॉ आरके कोटनाला और डॉ ज्योति शाह के इस Hydro Electric Cell के सहारे सामान्य कमरे के तापमान पर पानी से बिजली उत्पन्न की जा सकती है.
इसका तरीकाकुछ ऐसा है,जिसके तहत नैनोपोरस मैग्नीशियम फेराइट से पानी को हाइड्रोनियम (H 30) और हाइड्रॉक्साइड(OH) में तोड़ा जाता है, फिर चांदी और जस्ता के इलेक्ट्रोड से इसे सेल की तरह उपयोग कर बिजली उत्पन्न की जाती है.
अपनी इस खोज के बारे में डॉ कोटनाला बताते हैं, जब हम 2 इंच व्यास के चार सेल्स को सीरीज में जोड़ते हैं, तब इससे 3.6 वोल्ट 80 मिली एम्पीयर की बिजली उत्पन्न होती है. इतनी बिजली से हम एलईडी बल्ब जला सकते हैं.
डॉ आरके कोटनाला और उनकी सहयोगी डॉ ज्योति शाह का यह आविष्कार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर परकाफीसराहाजारहाहै.इस हाइड्रो इलेक्ट्रिक सेल की तारीफ यूनेस्को ने भी की है, जिसके लिए यह अंतरराष्ट्रीय संगठन डॉ कोटनाला और डॉ ज्योति कोसम्मानितकरनेवालाहै.
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साभार : DD National TV