हबल ने खोजा ब्रह्मांड का सबसे दूरस्थ तारा, पृथ्वी तक इसकी रोशनी पहुंचने में लगे नौ अरब साल

वाशिंगटन : नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने अभी तक का सबसे सुदूरवर्ती तारा खोजा है. ब्रह्मांड के बीच में स्थित नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है. यह तारा इतना दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गये. दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 10:00 PM

वाशिंगटन : नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने अभी तक का सबसे सुदूरवर्ती तारा खोजा है. ब्रह्मांड के बीच में स्थित नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है.

यह तारा इतना दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गये. दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से भी यह तारा बहुत धुंधला दिखाई देगा.

हालांकि ग्रेवीटेशनल लेंसिंग नाम की प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है, जिससे खगोलविज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं.

बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मेंइस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है.

केली ने कहा, आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम 100 गुना दूर स्थित है, जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं.

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