Google ने लॉन्च किया AI और बेहतर निजता फीचर से लैस Android Pie, इसमें और भी हैं कई सारी खूबियां
नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड का नया संस्करण ‘पाई’ (एंड्राइड-पी) मंगलवार को बाजार में आ गया. गूगल ने बताया कि इसे निजता सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर बनाया गया है. साथ ही, यह कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) की क्षमता से भी लैस है. यह मॉडल ऐसे समय में बाजार […]
नयी दिल्ली : दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड का नया संस्करण ‘पाई’ (एंड्राइड-पी) मंगलवार को बाजार में आ गया. गूगल ने बताया कि इसे निजता सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर बनाया गया है. साथ ही, यह कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) की क्षमता से भी लैस है. यह मॉडल ऐसे समय में बाजार में आया है, जब भारत समेत दुनियाभर में उपभोक्ताओं के बीच उनके स्मार्टफोन को लेकर निजता सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ रही है. एंड्राइड के लिए भारत सबसे बड़े बाजारों में से एक है.
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गूगल ने अपने ब्लॉग में कहा कि एंड्राइड के नये मॉडल का अपडेट पहले ‘गूगल पिक्सल’ फोन में उपलब्ध होगा, जबकि सोनी मोबाइल, शियोमी, एचएमडी ग्लोबल, ओप्पो, वीवो, वनप्लस और एसेंशियल फोन जैसी अन्य कंपनियों और अपडेट के लिए तैयार एंड्राइड वन फोनों पर इसका अपडेट इस साल के अंत तक उपलब्ध हो जायेगा.
कंपनी ने कहा कि वह कुछ सहयोगियों के साथ इसी साल एंड्राइड-9 से लैस स्मार्टफोन भी बाजार में उतारने के लिए काम कर रही है. पाई को ही एंड्राइड-9 के तौर पर जाना जायेगा. इससे पिछले एंड्राइड-8 का नाम ‘ओरियो’ है. कंपनी की परिपाटी के अनुसार, इस बार भी एंड्राइड का नाम किसी ‘मीठी’ वस्तु के नाम पर रखा गया है.
इससे पहले कंपनी ने लॉन्च किये थे ये मॉडल
इससे पहले कंपनी ने जेलीबीन, किटकैट, लॉलीपॉप, मार्शमेलो और नोगट नामों पर एंड्राइड के मॉडल पेश किये हैं. एंड्राइड और गूगल प्ले में उत्पाद प्रबंधन के उपाध्यक्ष समीर समत ने कहा कि इस एंड्राइड मॉडल का लक्ष्य आपके फोन को और अधिक स्मार्ट बनाना है. यह आपके फोन उपयोग करने के तरीके को समझेगा. साथ ही, आप कैसे काम करते हैं उससे सीखेगा अर्थात यह मशीन लर्निंग से लैस होगा.
एडाप्टिव बैटरी की भी मिलेगी फैसिलिटी
साथ ही, इसमें एआई की क्षमता भी होगी. इसमें ‘एडाप्टिव बैटरी’ की सुविधा भी होगी, जो यह देखेगा कि आप किस एप का उपयोग सबसे अधिक करते हैं और उस हिसाब से यह फोन की बैटरी के खर्च को नियंत्रित करेगा.
स्क्रीन की लाइट को कंट्रोल करेगी एडाप्टिव ब्राइटनेस
इसी तरह, इसमें ‘एडाप्टिव ब्राइटनेस’ भी होगी, जो फोन के उपयोग की जरूरत के हिसाब से उसके स्क्रीन की रोशनी को नियंत्रित करेगा. गूगल बाद में ‘स्लाइस’ सेवा को भी पेश करेगा, जो किसी एप के बारे में सर्च के दौरान ही उससे जुड़ी जरूरी जानकारियां दिखायेगी. इसके अलावा, नये एंड्राइड मॉडल में ‘एप टाइमर’, ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ और ‘विंड डाउन’ जैसे फीचर शामिल हैं. इससे किसी उपभोक्ता को यह समझने में मदद मिलेगी कि वह अपने फोन पर कितना समय कैसे व्यतीत कर रहा है.
डू नॉट डिस्टर्ब से फोन हो जायेगा बंद और स्क्रीन को उल्टा करते ही चालू
एप टाइमर में उपभोक्ता किसी एप के उपयोग के लिए समय तय कर सकता है. बाकी समय में वह एप फोन के स्क्रीन पर दिखेगा नहीं. इसी तरह डू नॉट डिस्टर्ब में फोन के सभी विजुअल बंद हो जायेंगे. यहां तक कि फोन पर आने वाले नोटिफिकेशन भी बंद हो जायेंगे. यह फोन के स्क्रीन को उल्टा रखते ही शुरू हो जायेगा. इसके अलावा, विंड डाउन में फोन की नाइट लाइट शुरू हो जायेगी, ताकि जो सोने जाने से पहले आंखों को भारी बनाने में मदद करेगा, ताकि बेहतर नींद आ सके.
सुंदर पिचाई ने मई में ही कर दी पेशकश
गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सु्ंदर पिचाई ने मई में आयोजित ‘गूगल आईओ-2018′ कार्यक्रम में इसके कूछ फीचरों की पेशकश की थी. ‘एप टाइमर’, ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ और ‘विंड डाउन’ जैसे फीचर शुरू करने के पीछे उन्होंने मुख्य वजह बतायी थी कि इससे लोगों को फोन पर कम और अपने सामाजिक जीवन में ज्यादा समय बिताने में मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ने से लोगों का सामाजिक जीवन का समय लगातार कम हो रहा है.