यू-ट्यूब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपने प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक जानकारी हटा रहा है. यूट्यूब ने अपने वीडिया प्लैटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट हटाने की अपनीकोशिश में जुलाई से सितंबर के बीच लगभग 78 लाख वीडियो हटा दिये हैं.
हाल ही में जारी ‘यूट्यूब कम्युनिटी गाइडलाइन्स एंफोर्समेंट’ रिपोर्ट के मुताबिक, इन वीडियो में से 81 प्रतिशत का पता मशीनों द्वारा लगाया गया. मशीनों द्वारा की गयी छानबीन में 74.5 फीसदी वीडियो ऐसे सामने आये, जिन्हें किसी ने नहीं देखा था.
कंपनी ने एक बयान में कहा, जब हमने एक वीडियो को हमारे दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया तो हमने उसे हटा दिया और चैनल पर कार्रवाई की. हम पूरे चैनल को ही बंद कर देंगे अगर वे हमारे कम्युनिटी के दिशानिर्देशों के विरुद्ध सामग्री पोस्ट करेंगे या बाल यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दे को लेकर एक भी बार इसका गंभीरता से उल्लंघन करेंगे.
कंपनी अपने मंच पर अनुचित सामग्री से लड़ाई के लिए मानव समीक्षाकर्ता और प्रौद्योगिकी के मिश्रण का इस्तेमाल कर रही है और 2017 में समीक्षा हेतु फ्लैग कंटेंट के लिए इसकी टीमों द्वारा उन्नत मशीन लर्निंग तकनीक के इस्तेमाल की शुरुआत की गयी है.
कंपनी ने कहा, सितंबर में 90 प्रतिशत से ज्यादा अपलोडेड वीडियो को हिंसक अतिवाद या बाल सुरक्षा के लिए हटा दिया गया, इन्हें 10 से भी कम लोगों ने देखा था.
गौरतलब है कि यूट्यूब ने हाल में ही यूट्यूब रिवाइंड 2018 वीडियो शेयर किया था, जिसे लोगों ने नापसंद कर दिया है. इस वीडियो को 1.1 करोड़ लोगों ने डिसलाइक किया है. इस वीडियो की क्रिएटर और व्यूवर दोनों ही आलोचना कर रहे हैं. ये वीडियो यूट्यब पर अब तक सबसे ज्यादा डिसलाइक पाने वाला वीडियो बना है.