प्रयागराज (उप्र) : कुंभ मेले में देश व विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं. पिछला कुंभ प्रयागराज में 2013 में आयोजित किया गया था. इस साल यह जनवरी से मार्च 2019 में आयोजित होगा. जाहिर है, मेले में हर साल की तरह भारी भीड़ होगी. ऐसे में कुंभ मेले में लोग एक-दूसरेसे बिछड़ते भी हैं. लेकिन प्रशासन ने इससे निबटने के लिए खास प्रयास किये हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस कुंभ के दौरान यहां 14 साल से कम उम्र के बच्चों को ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान’ (आरएफआईडी) टैग लगाएगी, ताकि यहां भीड़ में खोने वाले बच्चों का पता लगाया जा सके. राज्य के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने यहां सोमवार को कहा, कुंभ सबसे बड़ा समागम है जिसमें अगले 50 दिनों में 12 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है.
हम कुंभ में आने वाले 14 साल से कम उम्र के बच्चों को आरएफआईडी टैग लगाएंगे ताकि वे खो न पाएं. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए विभाग ने वोडाफोन से सहयोग लिया है और 40,000 आरएफआईडी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा. गौरतलब है कि आरएफआईडी बेतार (वायरलेस) संचार का एक रूप है. इसके तहत किसी वस्तु या व्यक्ति का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के रेडियो फ्रीक्वेंसी हिस्से में विद्युत चुंबकीय (इलेक्ट्रो मैग्नेटिक) या ‘इलेक्ट्रोस्टेटिक कपलिंग’ का इस्तेमाल किया जाता है.
डीजीपी ने बताया कि कुंभ क्षेत्र में 15 आधुनिक, समन्वित, डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किये गये हैं और इन्हें जिला पुलिस तथा सोशल मीडिया के साथ समन्वित किया गया है. उन्होंने कहा कि जन संबोधन प्रणाली के साथ एलईडी डिसप्ले के जरिए सूचना देने की भी व्यवस्था की गयी है. सिंह ने कहा कि यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस एक समन्वित प्रणाली का इस्तेमाल करेगी.
करीब 20 पार्किंग स्थल उपनगरीय इलाकों के रूप में विकसित किये गये हैं. उन्होंने बताया कि पहली बार ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह लोगों के वाहनों के रंग, नंबर प्लेट और तारीख-समय की पहचान करेगी.