ब्रिटिश सांसदों की फेसबुक को लताड़, कड़े नियम लगाने की वकालत
न्यूयॉर्क : ब्रिटिश सांसदों ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी करके फेसबुक पर ब्रिटेन में जानबूझकर आंकड़ों से जुड़े निजता संबंधी नियमों और प्रतिस्पर्धा-रोधी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों पर अधिक निगरानी रखने का आह्वान किया. सोशल मीडिया पर ‘फर्जी खबरों और भ्रामक जानकारियों’ पर यह रिपोर्ट 18 […]
न्यूयॉर्क : ब्रिटिश सांसदों ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी करके फेसबुक पर ब्रिटेन में जानबूझकर आंकड़ों से जुड़े निजता संबंधी नियमों और प्रतिस्पर्धा-रोधी कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों पर अधिक निगरानी रखने का आह्वान किया. सोशल मीडिया पर ‘फर्जी खबरों और भ्रामक जानकारियों’ पर यह रिपोर्ट 18 महीने की जांच-पड़ताल के बाद तैयार की गई है.
रिपोर्ट तैयार करने वाली संसदीय समिति ने कहा कि सोशल मीडिया वेबसाइटों को अनिवार्य रूप से आचार संहिता का पालन करना चाहिए और हानिकारक या अवैध सामग्री को बेहतर तरह से नियंत्रित करने के लिए एक स्वतंत्र नियामक को इनकी निगरानी करनी चाहिए.
रिपोर्ट में फेसबुक को लेकर खासतौर पर कहा गया कि ऐसा लगता है कि साइट की संरचना को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि ‘विशिष्ट निर्णयों के लिए ज्ञान और जिम्मेदारी को छिपाया’ जा सके. "यह स्पष्ट है कि फेसबुक ने जानबूझकर आंकड़ों की निजता (डेटा प्राइवेसी) और प्रतिस्पर्धा-रोधी संबंधी कानूनों का उल्लंघन किया है."
संसद की मीडिया समिति ने रिपोर्ट में फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग पर ब्रिटेन की संसद की अवमानना का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जुकरबर्ग को कई बार समिति के सामने पेश होने के लिए कहा था कि लेकिन वह नहीं आए. फेसबुक ने इस संबंध में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं दिया है.
उल्लेखनीय है कि फेसबुक और अन्य इंटरनेट कंपनियों को इस बात के लिये जांच का सामना करना पड़ रहा है कि वे उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों को किस तरह संभालती हैं. साथ ही उनकी इसके लिये भी उनकी आलोचना हो रही है कि वे चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश के लिए अपने प्लेटफॉर्म के दुरूपयोग को रोकने में नाकाम हैं.