…और इस तरह आप करने लगते हैं रोबोट पर भरोसा

टोरंटो : वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि रोबोट किस तरह से मनुष्यों में भरोसा बनाते हैं या उनको समझाते-बुझाते हैं. इस खोज के जरिये स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में सामाजिक रूप से सहायक मशीनों की अगली पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के विकास को दिशा देने में मदद मिलेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2019 8:45 PM

टोरंटो : वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि रोबोट किस तरह से मनुष्यों में भरोसा बनाते हैं या उनको समझाते-बुझाते हैं.

इस खोज के जरिये स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में सामाजिक रूप से सहायक मशीनों की अगली पीढ़ी में कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के विकास को दिशा देने में मदद मिलेगी.

कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र शान सॉन्डर्सन ने कहा, मेरे शोध का मकसद उन व्यवहारों एवं दृष्टिकोणों पर से पर्दा हटाना है जिससे रोबोट मनुष्यों को प्रेरित कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यह लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए उनकी भाव-भंगिमाओं या मौखिक नीतियों के रूप में प्रकट हो सकती हैं.

एसोसिएट प्रोफेसर गोल्डी नेजात के पर्यवेक्षण में सॉन्डर्सन ने अनुनय रणनीतियों पर अध्ययन किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि इंसानी फैसले किन तरीकों से ज्यादा प्रभावित होंगे.

शीर्ष दो रणनीतियां जो उभरी उनमें एक था भावनात्मक दृष्टिकोण और दूसरा तार्किक दृष्टिकोण. सॉन्डर्सन ने पाया कि मनुष्य तार्किक रणनीति की बजाए भावनात्मक रणनीति से ज्यादा प्रभावित हुआ.

शोधकर्ताओं का कहना है कि सामाजिक रूप से सहायक रोबोट अत्याधिक बोझ झेल रहे स्वास्थ्य तंत्र का बोझ कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. इस प्रयोग डिजाइन का पूरा ब्यौरा ‘आईईईई रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन लेटर्स’ (IEEE Robotics and Automation Letters) पत्रिका में दिया गया है.

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