अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरिक्ष पर्यटन सहित अन्य व्यवसायिक उपक्रमों के लिए 2020 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) को खोलने की घोषणा की है. नासा के मुख्य वित्तीय अधिकारी जेफ डेविट ने न्यूयॉर्क में कहा कि नासा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को व्यवसायिक अवसर पैदा करने के लिए खोल रहा है. इसकी मार्केटिंग करायी जा रही है. ऐसा पहले कभी नहीं किया गया था.
यहां पर एक रात रुकने के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर (24,28,650 रुपये) खर्च करने होंगे. एक मिशन 30 दिनों के लिए होगा और प्रत्येक साल लगभग एक दर्जन पर्यटक अंतरिक्ष यात्री आइएसएस की यात्रा कर सकेंगे. इन यात्रियों को नासा के लिए काम करने वाली कंपनी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल और बोइंग के स्टारलाइनर विमानों से भेजा जायेगा. प्रत्येक यात्रा की लागत लगभग 50 करोड़ डॉलर (3.46 खरब रुपये) होगी.
02 छोटे निजी अंतरिक्ष यात्रा के मिशन रखे जायेंगे प्रत्येक वर्ष पर्यटन के लिए
12 अंतरिक्ष यात्री प्रति वर्ष करेंगे आइएसएस की यात्रा
30 दिनों के लिए होगा मिशन
24.28 लाख रुपये खर्च करने होंगे एक रात रुकने के लिए
3.46 खरब रुपये होगी प्रत्येक यात्रा की लागत
1998 में नासा और रूस ने मिलकर बनाया था स्टेशन को
2001 में अमेरिकी व्यवसायी डेनिस टीटो ने रूस को 1.38 अरब रुपये (20 मिलियन डॉलर) देकर की थी अंतरिक्ष यात्रा
मैन्यूफैक्चरिंग एंड असेंबली
नासा स्पेस स्टेशन के लिए जाने वाले कार्गो की डिजाइन मुहैया करायेगा
लॉन्चिंग की तैयारी
अमेरिका के वर्जिनिया स्थित वैलोप्स आइलैंड पहुंचेगा कार्गो, की जायेगी लॉन्चिंग की तैयारी
लॉन्च
लॉन्च होने के बाद 10 मिनट लगेंगे टारगेट ऑरबिट तक पहुंचने में
स्पेस स्टेशन जंक्शन
रॉकेट से अलग होने के बाद कार्गो स्पेस स्टेशन जंक्शन पर पहुंचेगा, यहां से होगी स्पेस स्टेशन की कक्षा में प्रवेश की तैयारी
स्पेस स्टेशन पर कार्गो की डिलीवरी
स्पेस स्टेशन के रोबोटिक आर्म से अंतरिक्ष यात्रियों को की जायेगी कार्गो की डिलीवरी
डिपार्चर व पृथ्वी की कक्षा में पुन: प्रवेश
स्पेस स्टेशन से अलग होने के बाद कार्गो को पृथ्वी की कक्षा में वापस आने में लगेंगे कुछ दिन, पृथ्वी की कक्षा में पहुंचते ही खत्म हो जायेगा कार्गो
यहां है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन
नासा ने यात्रियों के इंतजाम की जिम्मेदारी स्पेसएक्स और बोइंग कंपनी को दी है
स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल और बोइंग के स्टारलाइनर विमानों का होगा इस्तेमाल
नासा खुद केंद्र में रहने, भोजन और संचार की व्यव्स्था करने की जिम्मेदारी लेगा और उसके बदले यात्री से लेगा रुपया
ट्रंप की घोषणा के बाद स्टेशन ने बढ़ाये निजीकरण की ओर कदम : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने साल 2018 का जो बजट पेश किया था, उसमें मांग की गयी थी कि साल 2025 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को सरकारी पैसे से चलाया जाना बंद किया जाये. ऐसे में नासा की यह नयी घोषणा स्टेशन का पूरी तरह से निजीकरण किये जाने की ओर बढ़ाया गया कदम है.