तकनीक की दुनिया के लिए 80 का दशक बहुत खास था. यह वो समय था, जब माइक्रोसॉफ्ट और ऐपल अपने शुरुआती सफर में एक-एक कर कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे थे. आज ये दोनों कंपनियां तकनीक के क्षेत्र में माहिर मानी जाती हैं.
चूंकि ये दोनों कंपनियां एक ही क्षेत्र में काम कर रही थीं, ऐसे में दोनों के बीच प्रतिस्पर्द्धा लाजिमी थी. ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट के प्रोमोटर बिल गेट्स और ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स उस जमाने में एक-दूसरे के बहुत बड़े आलोचक और राइवल माने जाते थे. यहदीगर बात है कि बाद में दोनों गहरे दोस्त बन गए.
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने इस बारे में हाल ही में एक इंटरव्यू में एेपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स को लेकर खुलकर बातचीत की.
उन्होंने कहा – स्टीव कमाल के शख्स थे. उनकी टैलेंट चुनने की कला अकल्पनीय थी. वे हमेशा मोटिवेटेड रहते थे और अपने कर्मचारियों को भी मोटिवेटेड रखते थे. उनके साथ काम करने वाले कभी थकते नहीं थे. यह उनकी प्रतिभा थी कि एेपल के कर्मचारी कई घंटों तक काम करते रहते थे और उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं थी. यही नहीं, स्टीव जॉब्स की डिजाइनिंग भी कमाल की थी.
बिल ने कहा कि एक वक्त ऐसा भी आ गया था कि स्टीव के जाने के बाद एेपल बंद होने की कगार थी, लेकिन बाद में उन्होंने कंपनी को बचा लिया. उन्होंने यहां तक कहा कि स्टीव उस जादूगर की तरह थे, जिनके जादू से लोग आश्चर्यकित रह जाते थे. लेकिन, मैं उनमें से नहीं था.
मालूम हो कि ऐपल के लिए iMac, iPod, iPhone और iPad को डिजाइन करनेवाले स्टीव जॉब्स की कैंसर की वजह से 2011 में मौत हो गई थी.