टेक्नोलॉजी: जानिए सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी ने सोशल मीडिया ट्रेंड को कैसे किया प्रभावित

नयी दिल्ली: आज से कुछ साल पहले तक सोशल मीडिया का जिक्र आते ही हमारे मन में फेसबुक और ज्यादा से ज्यादा ट्वीटर की छवि बनती थी. युवाओं में विशेष तौर पर फेसबुक का असर था उसमें भी इनकी संख्या कम होती थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में हालात बदले हैं और सोशल मीडिया के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2019 9:41 AM

नयी दिल्ली: आज से कुछ साल पहले तक सोशल मीडिया का जिक्र आते ही हमारे मन में फेसबुक और ज्यादा से ज्यादा ट्वीटर की छवि बनती थी. युवाओं में विशेष तौर पर फेसबुक का असर था उसमें भी इनकी संख्या कम होती थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में हालात बदले हैं और सोशल मीडिया के नये ट्रैंड्स उभर कर सामने आये हैं. हाल के दिनों में स्नेैपचेट, टिकटॉक, लाईकी, टिंडर, और यूट्यूब आम युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हुए हैं. क्या आपने कभी समझा कि आखिर कैसे इसमें इतनी तेजी आ गयी. इसका कारण है फास्ट और आसानी से उपलब्ध इंटरनेट. आइए जानते हैं कि सुपरफास्ट इंटरनेट ने किस कदर सोशल मीडिया ट्रेंड को बदला है.

सोशल मीडिया पर पॉपुलर युवाओं को फॉलो कर रहे लोग

पहले युवा फिल्म, खेल या फिर टेलीविजन सेलिब्रिटीज को फॉलो करते थे. उनके जैसा बनने की कोशिशें करते थे लेकिन अब हालात बदल गये हैं. फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी ने छोटे शहर के युवाओं, कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स को अपनी खूबियों को पेश करने का अच्छा प्लेटफॉर्म दे दिया है. इस समय देश में कई यूट्यूब यूजर हैं जो अपनी प्रतिभा चाहे वो गाना हो, एक्टिंग हो, पेंटिंग हो या फिर कोई वाद्ययंत्र बजाना हो. देश में इस समय भुवन बम, छोटे मियां, आशीष चंचलनी, डिनो जेम्स जैसे कई यूट्यब स्टार हैं जिनसे युवा प्रभावित होते हैं और उनके जैसा बनने का सपना देखते हैं. ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि इंटरनेट आसानी से उपलब्ध है.

साइंस फिक्शन नहीं रही वर्चुअल-ऑगमेंटेड रियलिटी

वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी अब साइंस फिक्शन की बात नहीं रह गयी है. पहले ये तकनीकें केवल फिल्मों और वीडियो गेम तक सीमित होती थी. लेकिन अब यह सबकुछ आसानी से सबके लिये मुमकिन हो गया है. सस्ते, तेज और आसानी से उपलब्ध इंटरनेट और स्नेपचैट तथा यूट्यूब ने इसकी पहुंच को आसान बना दिया है. इनमें इस्तेमाल किये जाने वाले फिल्डर के जरिये आप कोई भी क्रिएटिवी दिखा सकते हैं. कई लोग अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल इसके जरिये दिखा पाते हैं. बता दें कि इसके लिये एआर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.

जीवनसाथी की तलाश का जरिया बना सोशल मीडिया

काफी समय पहले जीवनसाथी या पार्टनर की तलाश करने के लिये एक एप हुआ करता था टिंडर. इसी के जरिये युवा डेटिंग के लिए साथी की तलाश करते थे. लेकिन अब हालात बदल गये हैं. हर हाथ स्मार्टफोन है और फोर जी सुपरफास्ट डाटा कनेक्टिविटी. बंबल, स्टेडिली और प्राईमरली जैसी नयी डेटिंग एप्स आ गयी है जिसके जरिये लोग जब चाहें अपने पसंदीदा साथी की तलाश कर सकते हैं. अब तो फेसबुक ने भी ये सुविधा दे दी है. फेसबुक की डेटिंग सर्विस के जरिये दोस्त बनाना और अपने साथी की तलाश करना अब और भी आसान हो गया है.

वायरल समाचारों में बढ़ी है लोगों की दिलचस्पी

पहले समाचार के लिये हम न्यूज पेपर और समाचार चैनलों पर निर्भर करते थे. समाचारों की गंभीरता ही उसकी पहचान होती है. लेकिन बढ़ती तकनीक, स्मार्टफोन की उपलब्धता और तेज इंटरनेट सेवा ने लोगों को वायरल, सनसनीखेज और चटपटी मसालेदार खबरों की और ज्यादा आकर्षित कर दिया है. इसके पीछे का कारण भी सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी को माना जा रहा है.

आपसी संवाद का जरिया बन गये हैं मीम्स

मीम्स. आप इसका मतलब बखूबी समझते होंगे. जब हम किसी तस्वीर, फिल्म के किसी हिस्से को काट कर उसमें संवाद लगाकर इसका इस्तेमाल मजाक, हास्य या फिर व्यंग्य के लिये करते हैं तो इसको सोशल मीडिया की शब्दावली में मीम्स कहा जाता है. इंटरनेट की उपलब्धता ने मीम्स को संवाद के माध्यम के रूप में परिवर्तित कर दिया है. जब आप किसी सोशल मीडिया साधन को खंगालेंगे तो आपको रोजाना दर्जनों मीम्स मिलेेंगे. ये वीडियो और फोटो, दोनों ही फॉर्मेट में मिल जाते हैं. इसका कारण कहीं ना कहीं तेज इंटरनेट सेवा ही है.

शॉर्ट-फॉर्म वीडियोज का बढ़ने लगा है क्रेज

आप देखेंगे कि इन दिनों टिकटॉक, वाईगो, लाइकी जैसे एप्स का खूब चलन है. इसमें लोग शॉर्ट-वीडियो बनाते हैं जिसका ड्यूरेशन तकरीबन पचास सेकेंड से एक मिनट के बीच होता है. इसके जरिये लोग किसी गाने पर लिप्सिंग, डांस या एक्टिंग कर सकते हैं. किसी-किसी रोमांचकारी चैलेंट के लिये भी इसका इस्तेमाल होता है. ये इस समय काफी ट्रेंड में है. जाहिर है कि ये भी सुपरफास्ट और सस्ते इंटरनेट की उपलब्धता से ही संभव हो पाया है.

5जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की बढ़ी संभावनाएं

इन उदाहरणों से हमने देखा कि टेलीकॉम मार्केट में 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी ने उपरोक्ट ट्रेंड पर गहरा असर डाला है. लोग ज्यादा से ज्यादा इन माध्यमों का इस्तेमाल कर पा रहे हैं. इस नये ट्रेंड ने टेलीकॉम सेक्टर में जल्द ही 5जी के प्रवेश की संभावना को बल दिया है. कुछ टेलीकॉम कंपनियों ने तो इस दिशा में प्रयास भी करना शुरू कर दिया है. जाहिर है कि सोशल मीडिया ट्रेंड में आने वाले दिनों में व्यापक बदलाव दिखने वाला है.

Next Article

Exit mobile version