MicroDots तकनीक से लगेगी वाहन चोरी पर लगाम, जानें कैसे…

नयी दिल्ली : अगर आपको अपनी गाड़ी की चोरी हो जाने की चिंता अक्सर सताती है, तो यह खबर आपके लिए है. जी हां, वाहन अब अदृश्य माइक्रोडॉट्स के साथ आयेंगे. इससे उन्हें चोरी से बचाने और फर्जी कल-पुर्जों के इस्तेमाल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. मोटर वाहन नियमों में संशोधन के लिए सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2019 4:56 PM

नयी दिल्ली : अगर आपको अपनी गाड़ी की चोरी हो जाने की चिंता अक्सर सताती है, तो यह खबर आपके लिए है. जी हां, वाहन अब अदृश्य माइक्रोडॉट्स के साथ आयेंगे.

इससे उन्हें चोरी से बचाने और फर्जी कल-पुर्जों के इस्तेमाल पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. मोटर वाहन नियमों में संशोधन के लिए सरकार की ओर से हाल ही में जारी मसौदा अधिसूचना में यह बात कही गयी है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, केंद्रीय मोटर वाहन नियम में संशोधन को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी मसौदा अधिसूचना जीएसआर 521 (ई) के तहत वाहन, उनके कल-पुर्जों पर लगभग अदृश्य माइक्रोडॉट लगाने की बात है.

इन सूक्ष्म बिन्दुओं को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकेगा. उसके लिए सूक्ष्मदर्शी या पराबैंगनी प्रकाश स्रोत की जरूरत होगी. माइक्रोडॉट तकनीक के तहत वाहन के कल-पुर्जों या किसी भी मशीन पर बिल्कुल छोटे बिंदु स्प्रे किये जाते हैं. यह अनूठी पहचान प्रदान करता है.

इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से वाहन चोरी पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही नकली कलपुर्जों का इस्तेमाल होने से भी बचा जा सकेगा. मंत्रालय ने इस मसौदा अधिसूचना पर 30 दिन के भीतर संबद्ध पक्षों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की हैं.

आपको बता दें कि माइक्रोडॉट की तकनीक जितनी एडवांस है उससे आसान इसका इस्तेमाल है. एक्सपर्ट्स की मानें, तो माइक्रोडॉट को गाड़ी के लगभग हर हिस्से में लगा दिया जाता है, जिसके चलते गाड़ी के कितने भी टुकड़े कर दिये जाएं, लेकिन हर टुकड़े पर एक ना एक माइक्रोडॉट रहता ही है.

माइक्रोडॉट को कंप्रेसर और ग्लू गन का इस्तेमाल करके गाड़ी के ऊपर-नीचे, अंदर-बाहर और यहां तक कि इंजन और सीट आदि में भी स्प्रे कर दिया जाता है. ऐसे में अगर एक भी माइक्रोडॉट लगा रहा तो यह पता चल जाता है कि गाड़ी का असली मालिक कौन है और चोरी करने वाला पुलिस की गिरफ्त में आ जाएगा.

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