चंद्रयान-2 : इस तरह से चांद पर गिरा था विक्रम लैंडर, NASA ने तस्वीरें जारी कर दी जानकारी, लोकेशन को लेकर संशय बरकरार

न्यूयॉर्क : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्रवार को चंद्रयान-2 पर अपनी रिपोर्ट सबके सामने रखी जिसमें कहा गया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी. नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा’ से ली गईं उस क्षेत्र की ‘हाई रेजोल्यूशन’ तस्वीरें शुक्रवार को जारी कीं जहां भारत ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2019 8:42 AM

न्यूयॉर्क : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्रवार को चंद्रयान-2 पर अपनी रिपोर्ट सबके सामने रखी जिसमें कहा गया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी. नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा’ से ली गईं उस क्षेत्र की ‘हाई रेजोल्यूशन’ तस्वीरें शुक्रवार को जारी कीं जहां भारत ने अपने महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान दो’ मिशन के तहत लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने की कोशिश की थी. नासा ने इन तस्वीरों के आधार पर बताया कि नासा की ‘हार्ड लैंडिंग’ हुई.

नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान उस जगह की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिग के जरिए उतरने का प्रयास किया था लेकिन एलआरओसी की टीम लैंडर के स्थान या उसकी तस्वीर का पता नहीं लगा पायी है.

नासा ने कहा कि विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई और अंतरिक्ष यान के सटीक स्थान का पता अभी तक नहीं चला है. नासा ने बताया कि इस दृश्यों की तस्वीरें लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा क्विकमैप ने लक्षित स्थल से ऊपर उड़ान भरने के दौरान ली. चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और विक्रम लैंडर का लैंडिंग से चंद मिनटों पहले जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था.

‘गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर’ के एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि एलआरओ 14 अक्टूबर को दोबारा उस समय संबंधित स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी. आपको बता दें कि विक्रम लैंडर चांद से 2.1 किमी की दूरी पर था तभी विक्रम से संपर्क टूट गया.

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