मेलबर्न : हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल के पास 35 लाख वर्ष पहले भीषण ऊर्जा का विस्फोट हुआ था. एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इस खगोलीय घटना के समय तक अफ्रीका में हमारे पूर्वजों ने दस्तक दे दी थी.
‘एस्ट्रोफिजिकल’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि इस घटना के चलते आकाशगंगा के दोनों ध्रुवों के जरिये और बाह्य अंतरिक्ष में कोण के आकार में विकिरण का प्रवाह हुआ था. इस घटना को ‘सेफर्ट फ्लेयर’ कहा जाता है. शोधार्थियों ने पाया है कि इससे निकली रोशनी इतनी अधिक शक्तिशाली थी कि इसका असर मैगेलैनिक स्ट्रीम पर भी पड़ा.
ऑस्ट्रेलिया के एआरसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ऑल स्काय एस्ट्रोफिजिक्स इन थ्री डायमेंशन (एस्ट्रो-थ्रीडी) के प्रोफेसर जोस ब्लांड-हेथ्रोन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के किये गए अध्ययन के मुताबिक, मैगेलैनिक स्ट्रीम आकाशगंगा से औसतन 200,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.
शोध के मुताबिक, विस्फोट इतना भीषण था कि यह सूरज की तुलना में 42 लाख गुणा अधिक शक्तिशाली था. यह ऐसा ही है कि कि घुप्प अंधेरे के बाद कोई प्रकाशस्तंभ की रोशनी जला दे.
हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन से जमा किये गए आंकड़ों के मुताबिक, शोधार्थियों ने आकलन किया कि 30 लाख से ज्यादा साल पहले यह घटना हुई थी. क्षुद्रग्रह के कारण धरती पर 6.3 करोड़ वर्ष पहले ही डायनासोर विलुप्त हो गए थे और मानवों के पूर्वज ऑस्ट्रैलोपाइथेशियन ने अफ्रीका में कदम रख दिए थे.