वाट्सएप और सोशल साइट्स के पासवर्ड से टूट रहे रिश्ते: पति-पत्नी एक-दूसरे पर रखते हैं नजर और…
रिश्तों में खलल डाल रही तकनीकतकनीक का इस्तेमाल जितना अधिक बढ़ रहा है, उतना ही यह निजी रिश्तों में खलल पैदा कर रहा है. वाट्सएप, फेसबुक या अन्य सोशल साइट्स और उनको लॉक रखने वाले पासवर्ड की बात की जाये या फिर फिंगर इंप्रेशन से पूरे मोबाइल को लॉक करने वाले सिस्टम की, इन चीजों […]
रिश्तों में खलल डाल रही तकनीक
तकनीक का इस्तेमाल जितना अधिक बढ़ रहा है, उतना ही यह निजी रिश्तों में खलल पैदा कर रहा है. वाट्सएप, फेसबुक या अन्य सोशल साइट्स और उनको लॉक रखने वाले पासवर्ड की बात की जाये या फिर फिंगर इंप्रेशन से पूरे मोबाइल को लॉक करने वाले सिस्टम की, इन चीजों को नहीं शेयर करने पर पति-पत्नी के मन में शक आता है. यह शक धीरे-धीरे स्वभाव का रूप ले लेता है. आज यही कारण पति-पत्नी को तलाक के मोड़ पर ला देता है. इसकी चपेट में राजधानी के पढ़े-लिखे और मैच्योर पति-पत्नी भी आ रहे हैं. जब दोनों वर्किंग होते हैं तो इसकी आशंका काफी बढ़ जाती है. महिला हेल्पलाइन में इन मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
चैट और कॉल डिलीट करना भी विवाद का कारण
हेल्पलाइन में कुछ मामलों की काउंसेलिंग चल रही हैं, जिसमें वाट्सएप चैट डिलीट करने से झगड़े होते हैं. चैट डिलीट करने से दूसरे पक्ष का गुस्सा और शक दोनों बढ़ जाता है. ऐसे में उनकी काउंसेलिंग की जाती है और सलाह दी जाती है कि रिश्तों जितना ज्यादा ट्रांसपेरेंसी रहेगी, उतना अच्छा होगा. इसमें कुछ महिलाएं और पुरुषों का कहना है कि उनकी पर्सनल लाइफ है. वे पासवर्ड शेयर नहीं करना चाहते हैं, लेकिन रिश्ते को ध्यान में रखते हुए बात को समझ जाते हैं.
छोटे-छोटे विवाद ले रहे हैं गंभीर रूप
पति-पत्नी के ये छोटे-छोटे विवाद बहुत गंभीर रूप ले रहे हैं. ऐसा नहीं कि इसमें सिर्फ पुरुषों की गलती होती है, महिलाएं भी बहुत बार गलत पायी जाती है. दोनों में से कोई एक तभी चीजों को छुपाता है, जब कुछ न कुछ गलत हो. शक की संभावना वहां बढ़ जाती है, जब ऑफिस कलिग का बहाना होता है. जरूरत है पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्तों के बीच अंतर करने की.
– प्रमिला कुमारी, प्रोजेक्ट मैनेजर, महिला हेल्पलाइन
रिश्तों में भी दरार ला रहा सोशल मीडिया
आज वाट्सएप सिर्फ न केवल युवाओं को बर्बाद कर रहा है. बल्कि वह मैच्योर रिश्तों में भी दरार पैदा हो रही है. ऐसे में आपस में विश्वास और चीजों को लेकर पार्दशिता होना जरूरी है. जितना हो सके एक-दूसरे के साथ समय बिताएं, अनावश्यक न सोचें और खुल कर बात करें. तभी इन समस्याओं का समाधान हो सकता है.
– सरिता सजल, काउंसेलर, महिला हेल्पलाइन
आपसी सामंजस्य की है कमी
रिश्ते टूटने के मामलों में 2005 के बाद से काफी बढ़ोतरी हुई है. आज लड़कियां इंडीपेंडेंट, वर्किंग होने के साथ एजुकेटेड है. लेट मैरेज का चलन भी बढ़ा है जिसकी वजह से दोनों लोगों की सोच में अंतर होता है. रिश्तों में दरार डालने का काम अब मोबाइल फोन भी कर रहा है, जिसमें पासवर्ड लॉक करना अहम होता जा रहा है.
– रंधीर कुमार सिंह, समाजशास्त्री
केस 1
बोरिंग रोड के रहने वाली रमा(काल्पनिक नाम) को अपने पति पर शक था कि उसका अफेयर कही चल रहा है. उसने कई बार अपने पति से फोन और वाट्सएप का पासवर्ड पूछा, नहीं बताने पर उसने अपने फोन और सोशल मीडिया को सिक्योर कर लिया. पति को जैसे इसका पता चला तो उसने उसे मार-पीट कर फोन लॉक को अनलॉक करवाया. जिसके बाद रमा ने महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी.
केस 2
अनिसाबाद की रहने वाली अनिता(काल्पनिक नाम) ने हेल्पलाइन में शिकायत करते हुए कहा कि पति के पास दो फोन है, लेकिन वे एक भी फोन इस्तेमाल करने नहीं देते हैं. शादी को बीस साल हो चुके हैं, लेकिन पिछले एक साल उन्होंने फोन में फिंगर लॉक लगाना शुरू कर दिया. पूछने बस लड़ते और कभी-कभी हाथ भी उठाते हैं. अभी दोनों की काउंसेलिंग जारी है.