नयी दिल्ली : मानवता की सेवा को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का लक्ष्य करार देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के कठोर परिश्रम के कारण चंद्रयान-2 ने देश के युवाओं में प्रौद्योगिकी के प्रति नयी ऊर्जा का संचार किया है.
राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का लक्ष्य, सदैव से ही मानवता की सेवा रहा है. देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम के कारण चंद्रयान 2 ने देश के युवाओं में टेक्नोलॉजी के प्रति नयी ऊर्जा का संचार किया है.
उल्लेखनीय है कि चंद्रमा के अध्ययन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार चंद्रयान दो पिछले साल सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. किंतु चंद्रमा की सतह पर इसका लैंडर साॅफ्ट लैंडिंग के अंतिम चरण में मार्ग से भटक गया और इसका संपर्क टूट गया. किंतु इस मिशन को लेकर भारत के वैज्ञानिकों की विश्व भर में सराहना की गयी.
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार द्वारा चंद्रयान 3 को स्वीकृति दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों द्वारा मानवयुक्त अंतरिक्ष यान कार्यक्रम- ‘गगनयान’ तथा ‘आदित्य एक’ मिशन पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है. भारतीय वैज्ञानिकों के ‘आदित्य एक’ मिशन का लक्ष्य सूर्य का अध्ययन करना है.