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स्काइप, व्हाट्सएप के साथ तालमेल में काम करना चाहती हैं दूरसंचार कंपनियां: भारती
नयी दिल्ली: कन्वर्जेंस इंडिया 2015 के अवसर पर बात करते हुए भारती इंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन अखिल गुप्ता ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियां स्काइप, वाइबर व व्हाट्सएप्प जैसी कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि वह उनके साथ तालमेल में काम करना चाहती हैं. गुप्ता ने कहा ‘हमारी आय डेटा सेवाओं की ओर जा रही […]
नयी दिल्ली: कन्वर्जेंस इंडिया 2015 के अवसर पर बात करते हुए भारती इंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन अखिल गुप्ता ने कहा है कि दूरसंचार कंपनियां स्काइप, वाइबर व व्हाट्सएप्प जैसी कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि वह उनके साथ तालमेल में काम करना चाहती हैं.
गुप्ता ने कहा ‘हमारी आय डेटा सेवाओं की ओर जा रही है. दूरसंचार उद्योग ओवर द टॉप (ओटीटी) में नवोन्मेष के लिए ही है और यह स्वागतयोग्य है. यह कहना गलत होगा कि दूरसंचार कंपनियां ओटीटी के खिलाफ हैं.
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियां अपनी आय पर व्हाट्सएप्प, वाइबर, लाइन व स्काइप जैसे एप्लिकेशन के जरिये इंटरनेट मैसेजिंग व कॉल सेवाओं से पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताती रही हैं. ओटीटी ग्राहकों को अपनी सेवाओं के लिए इंटरनेट के शुल्क का ही भुगतान करना होता है.
दूरसंचार कंपनियां मांग कर चुकी हैं कि इन सेवाओं को लाइसेंसिंग प्रणाली के अधीन लाया जाए. भारती इंटरप्राइजेज की दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने पिछले महीने एक योजना पेश की थी कि वह स्काइप, वाइबर पर लाइन जैसे एप्लिकेशन के जरिये इंटरनेट आधारित वायस कॉल के लिए अलग शुल्क वसूलेगी. कंपनी के इस प्रस्ताव की सोशल मीडिया आदि पर खूब आलोचना हुई. कंपनी ने दूरसंचार नियामक ट्राई के बाद इस योजना को वापस लेने की घोषणा की.
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