हमारे शरीर के अंदर और बाहर कई प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं. इनमें से कुछ हानिकारक होते हैं, तो कुछ मददगार भी होते हैं, जो पाचन और इम्यून सिस्टम के लिए मददगार होते हैं.
वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर के बाहर अंदर की तुलना में दस गुना अधिक बैक्टीरिया होते हैं. नासा इस बात पर रिसर्च कर रही थी िक अंतिरक्ष में अं रिक्ष यात्रियों के शरीर पर ये बैक्टीरिया किस प्रकार सुरक्षित रहते हैं. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण अभाव और विपरीत परिस्थितियों में इन पर क्या प्रभाव पड़ता है.
रिसर्च में वैज्ञानिक यह देख कर हैरान रह गये कि जिस प्रकार ये बैक्टीरिया पृथ्वी पर जरूरत पड़ने पर खुद में परिवर्तन करते हैं , उसी प्रकार उस वातावरण में उन्होंने खुद को ढाल लिया और इस प्रकार बैक्टीरिया की जीत हुई. इसी कारण से इम्यून सिस्टम में भी परिवर्तन हुआ. हालांकि फिर भी अंतरिक्ष संक्रामक रोगों का खतरा अधिक होता है. इस रिसर्च से आगे अंतरिक्ष अभियानों में रोगों से बचने में मदद मिलेगी. नासा के मंगल अभियान के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को महीनों तक स्पेसशिप में रहना होगा. उस दौरान मानव के इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र को कैसे सुरक्षित रखा जाये, यह वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती है.