गूगल छोड़ते वक्त भावुक हुए अमित सिंघल, लिखा दिल को छूने वाला पत्र

-गैजेट डेस्क- गूगल के इंटरनेट सर्च कारोबार का लंबे समय से नेतृत्व कर रहे भारतीय मूल के अमित सिंघल इस महीने के अंत में कंपनी छो़ेड़ेंगे और उनकी जगह जॉन जियानांद्रिया लेंगे जो इस समय गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई) में काम कर रहे हैं. कंपनी छोड़ते वक्त उन्होंने एक पत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2016 1:39 PM

-गैजेट डेस्क-

गूगल के इंटरनेट सर्च कारोबार का लंबे समय से नेतृत्व कर रहे भारतीय मूल के अमित सिंघल इस महीने के अंत में कंपनी छो़ेड़ेंगे और उनकी जगह जॉन जियानांद्रिया लेंगे जो इस समय गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई) में काम कर रहे हैं. कंपनी छोड़ते वक्त उन्होंने एक पत्र लिखा है और आगे समाजसेवा करने की इच्छा जतायी है.

मेरी जिंदगी सपनों का सफर रहा. एक छोटा सा बच्चा जो हिमालय की गोद में पला- हमेशा स्टार ट्रेक कम्पयूटर के सपने देखता था. एक दिन वो इंसान सिर्फ दो सूटकेस के साथ अमेरिका पहुंचता है फिर वो गूगल कंपनी में एक बेहद जिम्मेदार इंसान के रूप में काम करता है. मेरे जीवन के हर पड़ाव ने मुझे समृद्ध और बेहतर इंसान बनाया.
जैसे ही मैंने गूगल में 15 वां साल पूरा किया. खुद से सवाल पूछा – अगले 15 साल मैं किस तरह से जीना चाहूंगा ? इस सवाल का जवाब आया – दूसरों की कुछ मदद करों. नौकरी छोड़ने के बाद मेरी दो प्राथमिकता रहेगी- एक परिवार के साथ समय बिताना और उन लोगों की मदद करना जो कम किस्मत वाले हैं.
गूगल सर्च पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और हर दिन गूगल सर्च से बेहतरीन लोग जुड़ रहे हैं. गूगल सर्च को अब बेहद जिम्मेदार लोग संभालते हैं. अब वक्त आ गया है कि मैं अपने जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला पाऊं. आज यह देखकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि गूगल करोड़ों जिंदगियां बदल रहा हैं. हमारा मिशन लोगों को सूचना उपलब्ध कराकर सशक्तिकरण करना है. मैंने जब गूगल में काम करना शुरू किया था. किसने इस बात पर विश्वास किया होगा कि मात्र 15 सालों में हम एक क्लिक दबायेंगे और जो भी चाहिए वह हाजिर होगा. आज मेरे स्टारट्रेक कम्पयूटर का सपना सच हो गया और यूं कहे तो गलत नहीं होगा कि मेरे सपने से भी ज्यादा कहीं बेहतर है.
मैं गूगल से प्यार करता हूं. यह एक ऐसी कंपनी है जो सही चीज करने में विश्वास करती है. एक कंपनी जो आपका ख्याल रखती है. मैं जब पीछे मुड़कर देखता हूं -तो मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं इस कंपनी का हिस्सा रहा हूं. गर्व, कृतज्ञता और आनंद के इस क्षण में अगले 15 साल के लिए मैं अपनी भूमिका तय करना चाहूंगा.
मैं इस बात के लिए उत्साहित हूं कि एक सामजसेवक के रूप में मैं किस तरह का बदलाव ला सकता हूं और बेशक अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहूंगा- विशेष रूप से अपने पत्नी के साथ. अपनी व्यस्तता के चलते मैं उनके साथ समय बीता नहीं पाया.26 फरवरी को गूगल में मेरा अंतिम दिन होगा. मैंने अपने जीवन में रिश्ते को बहुत अहमियत दिया है और गूगल के साथ रिश्ते को आगे भी जारी रखूंगा. चीफ सीएटल ने कहा था कि – कुछ नहीं सिर्फ यादें लेकर जाओं और छोड़ना है तो सिर्फ फुटप्रिंट छोड़ों. मेरे पास ढेर सारी यादें है और शायद मैंने फुटप्रिंट भी छोड़ा.

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