भारत के फैसले से निराश हैं , लेकिन प्रयास नहीं छोड़ेंगे: जुकरबर्ग

वाशिंगटन : नेट निष्पक्षता पर भारत के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए फेसबुक के संस्थापक और प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह भारत तथा विश्व में संपर्क बाधा खत्म करने के लिए प्रयास करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं. जुकरबर्ग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राइ) के आदेश पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 11:17 AM

वाशिंगटन : नेट निष्पक्षता पर भारत के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए फेसबुक के संस्थापक और प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि वह भारत तथा विश्व में संपर्क बाधा खत्म करने के लिए प्रयास करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं.

जुकरबर्ग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राइ) के आदेश पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कल अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘इंटरनेट डाट आर्ग ने कई पहल की हैं और हम इसके लिए प्रयास करते रहेंगे जब तक इंटरनेट तक पहुंच न हो जाए.’

नेट निष्पक्षता का समर्थन करते हुए दूरसंचार नियामक ट्राइ ने कल परिचालकों को विभिन्न सामग्रियों के आधार पर इंटरनेट पहुंच के लिए अलग-अलग दर लगाने पर प्रतिबंधित कर दिया है जो फेसबुक की विवादास्पद फ्री बेसिक्स और ऐसी अन्य योजनाओं के लिए बड़ा झटका है.

विशेषज्ञों ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स योजना की काफी आलोचना की थी जिनका आरोप है कि इससे लोगों की अपनी पसंदीदा इंटरनेट पहुंच पर लगाम लगती है.जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘आज भारत के दूरसंचार नियामक ने इंटरनेट की मुफ्त पहुंच मुहैया कराने से जुड़े कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इससे इंटरनेट डाट ओआरजी की पहलों में से एक फ्री बेसिक्स और अन्य संगठनों के कार्यक्रम बाधित होते हैं जो मुफ्त इंटरनेट मुहैया कराते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘हम आज के फैसले से निराश हैं मैं निजी तौर पर यह बताना चाहता हूं कि हम भारत और दुनिया भर में संपर्क बाधा खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. इंटरनेट डाट ओआरजी की कई पहलें हैं और हम तब तक प्रयास करते रहेंगे जब तक हर किसी तक इंटरनेट न पहुंचे.” जुकरबर्ग ने दावा किया कि दुनिया भर में इंटरनेट डाट ओआरजी के जरिए फेसबुक के प्रयास से कई लोगों की जिंदगी बेहतर हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में इंटरनेट संपर्क बढ़ाना महत्वपूर्ण लक्ष्य है और हम प्रयास नहीं छोडेंगे क्योंकि भारत में एक लाख से अधिक लोगों के पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है.” जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि उन्हें जोडने से लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है, करोड़ों रोजगार पैदा किए जा सकते हैं और शिक्षा के मौकों का विस्तार किया जा सकता है. हम इन लोगों की परवाह करते हैं और इसीलिए हम उनसे जुड़ने के लिए इतने प्रतिबद्ध हैं.” गौरतलब है कि 38 देशों में 1.9 करोड से अधिक लोग फेसबुक के विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है दुनिया को और खुला तथा एक दूसरे से जुड़ा हुआ बनाना चाहते हैं. यह लक्ष्य बरकरार है और भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी.” दुनिया में हर किसी के पास इंटरनेट की पहुंच होनी चाहिए.

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