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2021 तक 53.6 करोड़ लोग करेंगे भारतीय भाषाओं में इंटरनेट पर लॉग ऑन

नयी दिल्ली : वर्ष 2012 तक 53.6 करोड़ लोगों के ऑनलाइन रहने के समय अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है. उसका श्रेय मोबाइल फोनों एवं डाटा पैक के घटते दाम तथा और स्थानीय सामग्री की उपलब्धता को जायेगा. यह बात गुगल-केपीएमजी की रिपोर्ट में आया है. रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी इंटरनेट उपयोगकर्ताआें […]

नयी दिल्ली : वर्ष 2012 तक 53.6 करोड़ लोगों के ऑनलाइन रहने के समय अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है. उसका श्रेय मोबाइल फोनों एवं डाटा पैक के घटते दाम तथा और स्थानीय सामग्री की उपलब्धता को जायेगा. यह बात गुगल-केपीएमजी की रिपोर्ट में आया है.

रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी इंटरनेट उपयोगकर्ताआें की संख्या 2021 तक अंगरेजी उपयोगकर्ताओं से बहुत आगे निकल जायेगी और 19.9 करोड़ तक पहुंच जायेगी. उम्मीद की जा रही है कि उस समय तक भारत में 73.5 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हो जायेंगे. उनकी संख्या 2016 में 40.9 करोड़ थी.

रोचक बात यह है कि भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों में बड़ी संख्या में लोग पहले से ही सरकारी सेवाओं, क्लासीफाइड और खबरों का लाभ उठा रहे हैं तथा भुगतान भी वे ऑनलाइन ही करते हैं. ऐस लोग न केवल चैट एेप और डिजिटल मनोरंजन का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि वे डिजिटल भुगतान तरीके भी अपना रहे हैं.

वर्ष 2016 में भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या 23.4 करोड़ थी, जबकि अंगरेजी में इसका उपयोग करनेवालों की संख्या 17.7 करोड़ थी. हिंदी के अलावा मराठी, बंगाली, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी बढ़ने की संभावना है.

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