न्यूयार्क : फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने हार्वर्ड लौट कर यहां के स्नातकों से कहा कि आज की दुनिया के लिए एक उद्देश्य तय करना, दूसरों की परवाह करना, असमानता से लड़ना और वैश्विक समुदाय को मजबूत करना उनकी पीढ़ी की जिम्मेदारी है. मार्क जुकरबर्ग ने कल शहर के पूर्व नेता डेविड राजू अजनार और एग्नेस इगोये जैसे स्नातकों से जुड़े किस्से साझा करते हुए कहा, ‘‘बदलाव स्थानीय रुप से ही शुरू होता है. यहां तक कि वैश्विक बदलाव भी हम जैसे लोगों के साथ छोटे स्तर से शुरू होते हैं.’
डेविड शहर के एक पूर्व नेता है, जिन्होंने मेक्सिको सिटी में समलैंगिक विवाह को वैध करवाने के प्रयासों का नेतृत्व किया. एग्नेस यूगांडा के संघर्ष क्षेत्रों में पले-बढ़े और अब कानून प्रवर्तन अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हैं.
अरबपति जुकरबर्ग (33) ने कहा, ‘‘यह मेरी कहानी भी है. डॉरमेटरी कमरे में रहने वाला एक छात्र, एक समय में एक समुदाय से बात करने वाला, और ऐसा तब तक करते रहने वाला, जब तक हम पूरी दुनिया से न जुड़ जायें’ फेसबुक पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए 12 साल पहले हार्वर्ड छोड़ चुके जुकरबर्ग को कल यहां डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली.
जुकरबर्ग ने वर्ष 2004 में अपने डॉरमेटरी के कमरे में फेसबुक की शुरुआत की थी. तब यह हार्वर्ड के छात्रों के लिए एक छोटी सी नेटवर्किंग साइट थी. आज यह सोशल नेटवर्किंग की वैश्विक साइट है, जिसके लगभग दो अरब सदस्य हैं.
जुकरबर्ग को कल नौ अन्य लोगों के साथ इस मानद उपाधि से नवाजा गया. जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘यदि आज यहां यह भाषण मैं पूरा कर लेता हूं तो यह पहली बार होगा, जब मैंने हार्वर्ड में कुछ पूरा किया होगा.’ और वाकई उन्होंने यह भाषण पूरा किया.