Intel-IDC Report: भारत में AI पर खर्च 2027 तक 3 गुना होकर 5 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान

AI Spend in India : इंटेल और आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में संस्थाओं ने 2023 में एआई पर 170.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किये.

By Agency | May 16, 2024 8:15 PM
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AI Spend – Intel-IDC Report: देश में कृत्रिम मेधा (एआई) पर खर्च 2027 तक तीन गुना होकर पांच अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है. इंटेल-आईडीसी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में संस्थाओं ने 2023 में एआई पर 170.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किये.

आईडीसी के एसोसिएट उपाध्यक्ष शरत श्रीनिवासमूर्ति ने कहा, भारत में एआई खर्च 2023 से 2027 के बीच 31.5 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है. 2027 तक एआई हर जगह मौजूद होगा.

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AI Spend in India

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श्रीनिवासमूर्ति ने कहा, 2023 में 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का बड़ा खर्च एआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग और संबंधित सॉफ्टवेयर द्वारा किया गया. उन्होंने कहा कि कुल खर्च में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहेगा.

इंटेल इंडिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संतोष विश्वनाथन ने कहा कि भारत एआई के लिए तैयार है क्योंकि दुनिया का करीब 20 प्रतिशत डेटा देश में उत्पादित होता है और यह तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार है.

विश्वनाथन ने कहा कि प्रौद्योगिकी कौशल उपलब्धता के मामले में भारत विश्व स्तर पर अग्रणी है.

AI पर भारत का खर्च 2027 तक कितना बढ़ सकता है?

भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) पर खर्च 2027 तक तीन गुना होकर पांच अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है।

2023 में भारत ने एआई पर कितना खर्च किया?

भारत ने 2023 में एआई पर 170.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए।

आईडीसी के अनुसार, भारत में एआई खर्च की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) क्या है?

भारत में एआई खर्च की CAGR 31.5 प्रतिशत है, जो 2023 से 2027 के बीच होगी।

AI खर्च में सबसे बड़ा योगदान किसका है?

2023 में 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का बड़ा खर्च एआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोविजनिंग और संबंधित सॉफ्टवेयर पर किया गया, जो कुल खर्च में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहेगा।

भारत AI के लिए क्यों तैयार है?

भारत एआई के लिए तैयार है क्योंकि यहाँ दुनिया का करीब 20 प्रतिशत डेटा उत्पादित होता है और यह तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार है। साथ ही, तकनीकी कौशल उपलब्धता में भी भारत विश्व स्तर पर अग्रणी है।

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