Android, Chrome और Firefox यूजर्स के लिए सरकार ने जारी किया हाई रिस्क ALERT , जानें बचने के उपाय
Android Chrome Firefox High Risk Alert : CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ गूगल क्रोम और मॉजिला फायरफॉक्स वेब ब्राउजर्स में तकनीकी खामियां मिली हैं, जिससे साइबर ठग यूजर्स का गोपनीय डेटा आराम से चोरी कर सकते हैं.
Android Chrome Firefox High Risk Alert : इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत आने वाले इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम यानी भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने एंड्रॉयड, गूगल क्रोम और फायरफॉक्स यूजर्स के लिए एडवाइजरी जारी कर सिस्टम में कई कमजोरियों को लेकर को चेतावनी दी है.
CERT-In ने बताया है कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल क्रोम और मॉजिला फायरफॉक्स वेब ब्राउजर यूजर्स पर साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम के अनुसार, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ गूगल क्रोम और मॉजिला फायरफॉक्स वेब ब्राउजर्स में ऐसी तकनीकी खामियां पायी गई हैं, जिससे फायदा उठा कर साइबर ठग यूजर्स का गोपनीय डेटा चोरी कर सकते हैं. एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में इन कमियाें की मौजूदगी एंड्रॉयड वर्जन 12, 12L, 13, 14 में है.
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CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, मैक और विंडोज पर गूगल क्रोम वर्जन 123.0.6312.105.106.107 से पहले के और लिनक्स पर 123.0.6312.105 से पहले का वर्जन उपयोग करनेवाले यूजर्स पर साइबर हमले का खतरा है. इसके साथ ही, फायरफॉक्स वर्जन 124.0.1 से पहले के और फायरफॉक्स ESR 115.9.1 से पहले के वर्जन से भी डेटा चोरी होने का खतरा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि हैकर्स ब्राउजर की कमजोरियों का फायदा उठाकर डिवाइस में मौजूद पासवर्ड, फोटो और वित्तीय डेटा जैसी पर्सनल और प्राइवेट इंफॉर्मेशन तक पहुंच हासिल कर सकते हैं.
खतरे से कैसे सुरक्षित रहेंगे आप?
एंड्रॉयड यूजर्स को साइबर हमले के खतरे से बचने के लिए अपने सिस्टम के सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहना है. इसके साथ ही साथ, क्रोम और फायरफॉक्स वेब ब्राउजर के यूजर्स को भी ऐसे किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए अपने ब्राउजर को अपडेट करने की सलाह दी जाती है. अपने डिवाइस में मौजूद सभी जरूरी और संवेदनशील डेटा का नियमित रूप से बैकअप भी लेते रहें. इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको अपने डिवाइस पर हमेशा मजबूत पासवर्ड का ही उपयोग करना है. और इसके साथ ही, ऐप्स और अपने डिवाइसेज पर हमेशा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करके रखें.