Reliance Jio Airtel Vodafone Idea Telecom Tariff Hike ARPU CRISIL Report : घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि सभी प्रमुख निजी दूरसंचार सेवाप्रदाताओं द्वारा शुल्क दरें लगभग एक साथ बढ़ा देने से उनकी प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) वित्त वर्ष 2025-26 में 225 रुपये से अधिक के दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उच्च लाभप्रदता और कम पूंजीगत व्यय से दूरसंचार कंपनियों के क्रेडिट प्रोफाइल में भी सुधार होगा.
क्रिसिल ने क्या कहा?
क्रिसिल ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 2025-26 में दूरसंचार कंपनियों का एआरपीयू 25 प्रतिशत बढ़ जाएगा. एआरपीयू किसी भी दूरसंचार कंपनी की वित्तीय सेहत को मापने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है.
Jio Airtel Vi के टैरिफ हुए महंगे, तो BSNL के आये अच्छे दिन, ऐसे पोर्ट कराएं सिम
Airtel Recharge हो गया आज से महंगा, कितना बढ़ गया आपकी जेब पर बोझ?
Vi New Tariff: आज से 600 रुपये तक महंगे हो गए वोडाफोन-आइडिया के प्लान्स, देखें नयी प्राइस लिस्ट
Jio Recharge आज से हो गया महंगा, जानिए कितना बढ़ा आपकी जेब पर बोझ
230 रुपये तक पहुंच सकता है
क्रिसिल के उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, अगले वित्त वर्ष के अंत तक उद्योग का एआरपीयू (ARPU) पिछले वित्त वर्ष के 182 रुपये की तुलना में 225-230 रुपये के दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाना चाहिए.
ARPU के लिए शुल्क दरों में 26 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी
निजी दूरसंचार कंपनियों ने आम चुनावों के बाद नयी सरकार गठित होते ही अपने शुल्क दरों में 26 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी थी. इससे आम उपभोक्ताओं के लिए दूरसंचार सेवाएं महंगी हो गई हैं, लेकिन कंपनियों का राजस्व बढ़ने की उम्मीद है.
5जी सेवाएं बढ़ाएंगी टेलीकॉम कंपनियों की ARPU
गुप्ता ने कहा कि 5जी सेवाएं शुरू होने के बाद डेटा खपत बढ़ने से भी एआरपीयू में वृद्धि में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं के उपयोग, सोशल मीडिया और गेमिंग से उत्पन्न उच्च डेटा खपत के कारण ग्राहक अपने टैरिफ प्लान को बढ़ा रहे हैं.
धीरे-धीरे बढ़ेगा ARPU
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि एआरपीयू वृद्धि धीरे-धीरे होगी और चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में इसका प्रसार होता जाएगा. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़ोतरी से उद्योग के लिए नियोजित पूंजी पर रिटर्न अगले वित्त वर्ष के अंत तक 11 प्रतिशत तक हो जाएगा जो पिछले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत था.