EVM Hack : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम एक बार फिर से विवादों में आ गई है. ट्विटर एक्स, टेस्ला और स्पेसएक्स के चीफ एलन मस्क ने कहा है कि ईवीएम को हैक करना इंसान और एआई के लिए संभव है. भारत में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और उसकी हैकिंग के खतरे को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है. हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता. इस बीच चलिए जानते हैं ईवीएम के बारे में कुछ ऐसी बातें, जो कम ही लोग जानते होंगे-
ईवीएम क्या होता है?
ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन चुनावों में मतदान और उनकी गिनती के लिए काम में लायी जानेवाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है. इसमें दो यूनिट होती हैं, पहला- कंट्रोल यूनिट यानी सीयू और दूसरा- बैलट यूनिट यानी बीयू. बैलट यूनिट पर मतदाता अपना बटन दबाकर वोट देते हैं और कंट्रोल यूनिट उस वोट को स्टोर करने के काम आती है. कंट्रोल यूनिट बूथ के मतदान अधिकारी के पास होती है, जबकि बैलट यूनिट से लोग वोट डालते हैं. ईवीएम के बैलट यूनिट पर पार्टियों के चिह्न और उम्मीदवारों के नाम और फोटो होते हैं और इनके सामने नीले रंग के बटन होते हैं. इस बटन को दबाकर मतदाता अपना मतदान करते हैं. जब मतदान केंद्र पर आखिरी वोट पड़ जाता है, तब पोलिंग ऑफिसर कंट्रोल यूनिट पर लगे क्लोज बटन को दबा देता है. इसके बाद ईवीएम पर कोई वोट नहीं डाला जा सकता. रिजल्ट के लिए कंट्रोल यूनिट पर रिजल्ट बटन दबाना होता है और कुल वोटों की गिनती सामने आ जाती है.
ईवीएम के अंदर क्या होता है?
ईवीएम के अंदर एक माइक्रोप्रॉसेसर होता है और इसे केवल एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि इसके प्रोग्राम में एक बार जो लिखा जा चुका होता है, उसे बदलना संभव नहीं है. इसमें कोई दूसरा सॉफ्टवेयर नहीं डाला जा सकता. ईवीएम एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि इसके इस्तेमाल के लिए बिजली की आवश्यकता होती होगी. लेकिन आपको बता दें कि ईवीएम के इस्तेमाल के लिए बिजली की कोई जरूरत नहीं होती है. हर ईवीएम के साथ अल्कलाइन पावर बैटरी पैक आता है.
ईवीएम कौन-सी कंपनी बनाती है?
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) देश में विभिन्न प्रकार के चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का निर्माण करती है. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत नवरत्न का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है. यह सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स और सिस्टम बनाती है.
ईवीएम में कितने वोट डाले जा सकते हैं?
भारत में जो ईवीएम वर्तमान में इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें 2000 वोट स्टोर होते हैं. वहीं, पुराने वाले मॉडल में 3840 वोट डाले जा सकते थे. ईवीएम का डेटा 10 साल से अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. एक ईवीएम यूनिट को तैयार करने में लगभग 8500 रुपये का खर्च आता है.
ईवीएम को हैक किया जा सकता है क्या?
ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग साफ कर चुका है कि यह हैक नहीं हो सकता है. ईवीएम एक स्टैंड-अलोन मशीन है और यह तार या किसी वायरलेस तरीके से किसी नेटवर्क से जुड़ी नहीं है. ऐसे में एक बार प्रोग्राम लिखे जाने के बाद आप इसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं. यानी, इस पर कोई दूसरा सॉफ्टवेयर राइट नहीं किया जा सकता है और न ही कोई संशोधन करना संभव है.
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