Google Chrome यूजर्स पर साइबर हमले का खतरा, यह है बचने का तरीका

Google Chrome में आये इन सिक्योरिटी लैप्सेज का फायदा उठाकर हैकर रिमोट ऐक्सेस के माध्यम से यूजर्स के डेस्कटॉप को कंट्रोल कर सकते हैं, जिससे फ्रॉड और स्कैम के चांसेज बढ़ जाते हैं.

By Rajeev Kumar | October 1, 2024 9:53 PM
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CERT-In Alert: Google Chrome में सिक्योरिटी लैप्सेज पाये गए हैं. यहे यूजर्स को साइबर अटैक्स के खतरे में डाल सकते हैं. भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम – इंडिया (CERT-In) ने डेस्कटॉप यूजर्स के लिए एक वॉर्निंग इश्यू किया है और गूगल क्रोम यूजर्स को अपने ब्राउजर को जल्द से जल्द अपडेट करने की सलाह दी है.

गूगल क्रोम में आये इन सिक्योरिटी लैप्सेज का फायदा उठाकर हैकर रिमोट ऐक्सेस के माध्यम से यूजर्स के डेस्कटॉप को कंट्रोल कर सकते हैं, जिससे फ्रॉड और स्कैम के चांसेज बढ़ जाते हैं.

गूगल क्रोम के किस वर्जन को खतरा?

CERT-In साइबर सुरक्षा एजेंसी ने बताया है कि गूगल क्रोम क सिक्योरिटी लैप्सेज विंडोज और मैक के 129.0.6668.70/.71 और लिनक्स के 129.0.6668.70 से पहले के वर्जन को प्रभावित करते हैं. CERT-In ने सभी क्रोम यूजर्स को सलाह दी है कि वे अपने ब्राउजर को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करें, ताकि उनकी डिवाइस सेफ रहे. सरकार के अनुसार, साइबर अटैकर्स टारगेटेड सिस्टम पर स्पेशल रिक्वेस्ट सेंड कर इन लैप्सेज का लाभ उठा सकते हैं, जिससे सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है.

Google Chrome CERT-In Alert: ऐसे एन्श्योर करें सिक्योरिटी?

अगर आपको किसी भी अनजाने सोर्स से लिंक मिले, तो उसपर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से बचना चाहिए. यह एन्श्योर करें कि गूगल क्रोम का ऑटोमैटिक अपडेट ऑन हो, ताकि सिक्योरिटी पैच तुरंत मिल सकें और साइबर अटैक का रिस्क कम हो सके. केवल रिलायबल और इंपॉर्टेंट एक्सटेंशन को ब्राउजर में ऐड करने और फालतू के एक्सटेंशन को हटाने की सलाह दी जाती है. पासवर्ड को समय-समय पर बदलना भी जरूरी है, जिससे सिक्योरिटी और एन्हांस हे जाएगी.

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