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Chandrayaan-3 : जानें चंद्रयान-3 से जुड़ी वो हर खास बात, जो जानना चाहते हैं आप

Chandrayaan-3 Landing Update - चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्रत्येक भारतीय उस पल को लेकर रोमांचित हो जाता है, जब भारत की उपलब्धियां चांद तक पहुंच जाएंगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का मिशन चंद्रयान-3 चांद के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है.

Chandrayaan-3 Landing Update : भारत का सबसे बड़ा महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 का सपना साकार होने से अब कुछ ही दूरी पर है. चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्रत्येक भारतीय उस पल को लेकर रोमांचित हो जाता है, जब भारत की उपलब्धियां चांद तक पहुंच जाएंगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-3 चांद के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है. चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कुछ और तस्वीरें भेजी हैं जिनसे ज्ञात होता है कि भारत का अंतरिक्ष यान अब कुछ ही किलोमीटर दूर रह गया है.

इसरो ने बताया- मिशन तय समय पर

चंद्रयान-3 द्वारा भेजी गई चंद्रमा की ये कुछ और तस्वीरें इसरो ने साझा की हैं. इसरो ने मंगलवार को तस्वीरें ट्वीट कर बताया कि देश का महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशन एकदम तय समय पर है. सभी सिस्टम की अच्छे से जांच परख की जा रही है. विक्रम लैंडर अपने लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा है.

70km की ऊंचाई पर चंद्रमा की तस्वीरें

इसरो ने 19 अगस्त को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें मंगलवार को ट्वीट कीं. एलपीडीसी छवियां लैंडर मॉड्यूल को एक साथ मिलान करके उसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में सहायता करती हैं.

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ऑपरेशन का सीधा प्रसारण कल शाम पांच बजे से

इसरो ने ट्वीट किया, मिशन तय समय पर है. सिस्टम की नियमित जांच हो रही है. सुचारू रूप से आगे बढ़ना जारी है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (मोक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है. मोक्स पर लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण शाम पांच बजे से शुरू होगा.

चंद्रयान-3 से जुड़ी वो खास बातें, जो जाननी चाहिए आपको

चंद्रयान-3 एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर और रोवर को उतारना है. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा या चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और परिक्रमा करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है. अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है. चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आयेगा और उसके चंद्रमा पर 14 दिनों तक काम करने की सम्भावना है. रोवर पर लगे कई कैमरों की मदद से तस्वीरें ली जा सकेंगी.

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चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों में शामिल हैं-

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की मौजूदगी का पता लगाना
चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी प्राप्त करना
चन्द्रमा की सतह पर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना.

भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि

चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह भारत को अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने में मदद करेगा. यहां चंद्रयान-3 मिशन के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दिये गए हैं –

चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य क्या है ?

चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर और रोवर को उतारना है. यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने, चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी प्राप्त करने और चन्द्रमा की सतह पर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करने में मदद करेगा.

चंद्रयान-3 मिशन कब लॉन्च किया गया था ?

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.

चंद्रयान-3 चंद्रमा पर कब पहुंचेगा ?

चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने की तारीख 23 अगस्त, 2023 तय है.

चंद्रयान-3 मिशन में क्या शामिल है?

चंद्रयान-3 मिशन में शामिल हैं –

लैंडर : लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर को उतारेगा.
रोवर : रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और पानी की मौजूदगी का पता लगाएगा, चंद्रमा की सतह के बारे में और जानकारी प्राप्त करेगा और चंद्रमा पर मानव मिशन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करेगा.
प्रोपल्शन मॉड्यूल : प्रोपल्शन या प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर और रोवर को चंद्रमा की ओर ले जाएगा.
ऑर्बिटर : ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में रहेगा और चंद्रमा की सतह के बारे में जानकारी प्राप्त करेगा.

चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?

चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह भारत को अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने में मदद करेगा. चंद्रयान-3 मिशन भारत को चंद्रमा पर अपना दूसरा मिशन भेजने वाला पहला देश बनाता है. यह मिशन भारत को चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने में भी मदद करेगा, जो भारत को चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.

चंद्रयान-3 की लैंडिंग किन बातों पर निर्भर ?

चंद्रयान-3 मिशन के डायरेक्टर (निदेशक) नीलेश एम देसाई ने कहा है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग लैंडर मॉड्यूल की हेल्थ और चंद्रमा की स्थितियों पर निर्भर करेगी. यानी कल चंद्रयान-3 को उतारने का निर्णय लैंडर मॉड्यूल की हेल्थ और चंद्रमा की स्थितियों पर निर्भर करेगा. मिशन चंद्रयान-3 के निदेशक नीलेश एम देसाई ने विश्वास जताया कि मिशन योजना के अनुसार चलेगा और 23 अगस्त की शाम को सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर मौसम की स्थिति आदर्श नहीं रही, तो लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए टाला जा सकता है.

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