ग्राहक को ‘डिब्बा’ लैपटॉप बेचने और रिफंड में देरी पर कोर्ट ने अमेजन को लताड़ा, सेलर पर लगाया जुर्माना
Consumer Court: ई-कॉमर्स साइट्स से ऑनलाइन प्रोडक्ट्स मंगानेवालों के लिए जरूरी खबर है. उपभोक्ता अदालत ने डिफेक्टिव सामान बेचने और रिफंड में देरी को लेकर ई-सेलर और रीटेलर को लताड़ा है.
Consumer Court : फ्लिपकार्ट और अमेजन समेत अन्य ई-कॉमर्स साइट्स से प्रोडक्ट्स ऑनलाइन मंगानेवाले ग्राहकों के लिए एक जरूरी खबर आयी है. ऑनलाइन बिक्री मंच अमेजन और उसके एक खुदरा विक्रेता पर सेवा में खामियों के लिए 35,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यहां एक उपभोक्ता आयोग ने पाया कि ऑनलाइन मंच के पास उचित शिकायत निवारण तंत्र नहीं है और एकतरफा दमनकारी बिक्री शर्तें हैं. आयोग ने अमेजन को ग्राहकों को एक अचूक और पारदर्शी शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करने का भी निर्देश दिया है.
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (पूर्वी दिल्ली) एक दोषपूर्ण लैपटॉप की कीमत वापस करने में लगभग एक वर्ष और पांच महीने की अत्यधिक देरी के लिए एक व्यक्ति की शिकायत पर सुनवाई कर रहा था. शिकायत में कहा गया है कि अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से ऑर्डर किया गया 77,990 रुपये का लैपटॉप रिटेलर अपारियो रिटेल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बेचा गया था.
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शिकायत में कहा गया है कि उत्पाद के लिए रिफंड मिलने में देरी के कारण उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न हुआ. एस एस मल्होत्रा की अध्यक्षता वाले आयोग ने कहा, इस आयोग का दृढ़ विचार है कि ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजन, जो ग्राहकों से ऑर्डर स्वीकार करती है, तीसरे पक्ष को ऑर्डर देती है और सामान वितरित होने के बाद अनुबंध समाप्त करती है, एक साधारण मध्यस्थ नहीं है.
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, आयोग में सदस्य रश्मि बंसल और रवि कुमार भी शामिल थे. आयोग ने अपने सामने आये सबूतों पर ध्यान दिया, जिसके अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा कई बार रिफंड की मांग करने के बाद लगभग एक साल और पांच महीने बाद उसका पैसा लौटाया गया था. आयोग ने उनसे मुकदमेबाजी लागत के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी कहा है.