Cyber Fraud : बेंगलुरु में साइबर अपराधियों ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया है जिससे सभी भौचक्के रह गए है. ना कोई ओटीपी और ना ही किसी तरह का लिंक. 43 वर्षीय ठगी हुई महिला ने बताया इस पूरे ठगी के घटनाक्रम में उन्हें किसी तरह तरह का ना तो ओटीपी शेयर किया है और ना किसी लिंक पर क्लिक किया है. तो आखिर ये कैसे संभव हुआ कि पढ़ी-लिखी, पेशे से शिक्षिका महिला को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया. ऐसे में, अब सावधानी बरतने की जरूरत ये है कि बिना ओटीपी और लिंक के भी लोग ठगी के शिकार बन सकते है. आइए इस घटना की जानकारी लें और खुद को सतर्क करें.
एक साइबर ठग ने बेंगलुरु में कथित तौर पर एक महिला को शिकार बनाया. इसके लिए उसने महिला के पिता का नाम इस्तेमाल किया. महिला के पिता का करीबी दोस्त बताने वाले इस अपराधी ने डिजिटल ट्रांजेक्शन के ऐप पर पैसे भेजने की बात कही. उसने महिला को कहा कि आपके पिता ने मुझे आपको पैसे भेजने के लिए कहा है और इसी क्रम में महिला के खाते से 1 लाख रुपये निकाल लिए. ऐसा कैसे संभव हुआ यह महिला के समझ के परे था क्योंकि उसने ना तो किसी तरह के लिंक पर क्लिक किया था और ना ही ठग को कोई ओटीपी दी थी.
यह महिला हेब्बल की रहने वाली बतायी जा रही है. उस महिला ने यह भी कहा है कि जैसे ही उसे मेसेज आया कि उसके खाते से इतने पैसे गायब हो गए है तो वह शिकायत दर्ज कराने सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन गई तो पुलिस ने कहा कि आपने जानकारी देने में देरी कर दी है. हालांकि, महिला का दावा है कि वह एक घंटे से कम समय में ही पुलिस स्टेशन पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई. हालांकि, इस मामले पर साइबर एक्सपर्ट ने जो जानकारी दी है उसे पढ़कर शायद आपको भी थोड़ी देर के लिए खुद के ज्ञान पर शक होने लगेगा.
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महिला की ओर से किए गए दावों के मुताबिक, ठग ने बुधवार शाम 4.45 से 5 बजे के बीच कॉल किया और खुद को अपने पिता का दोस्त बताया जो कि एक चार्टेड अकाउंटेंट है. इसके बाद महिला को अपने झांसे में फंसाकर 1 लाख का चुना लगा गया. इस मामले पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने ऐसे कुछ मामले देखे हैं और यह साइबर अपराध में एक नया चलन लगता है. साथ ही साइबर अपराध विशेषज्ञों ने कहा कि टेक्स्ट संदेश एक कोड के साथ एन्क्रिप्टेड होते हैं जो पैसे की चोरी की अनुमति देता है.
चलिए आपको विस्तार से बताते है कि आखिर इसका मतलब क्या है. साइबर ठगों ने यह नया तरीका ईजाद किया है जिसमें वह अपने शिकार से ना तो किसी तरह का ओटीपी मांगते है और ना ही लिंक पर क्लिक करने बोलते है. ठग जब फोन कर शिकार को कहते है कि वह उसे पैसे भेजने जा रहे है तो वह उन्हें उसी डिजिटल प्लैटफॉर्म पर एक एन्क्रिप्टेड मेसेज भेजते है और उसी में छुपा हुआ लिंक होता है जिसे क्लिक करने के बाद कोई भी आपके खाते से पैसे निकाल सकता है.
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ऐसे में अगर आपको किसी तरह का मेसेज आए कि आपके खाते में वह पैसे भेज रहे है और आपको चेक करने की सलाह मिले तो आपको उसपर क्लिक करने से पहले जांच पड़ताल करने की कोशिश करनी है ताकि आप किसी ठगी के शिकार ना बनें. वहीं, अगर इस प्रकार के किसी भी ठगी के आप हीकर बनते है तो आपको सबसे पहले इसकी जानकारी साइबर विभाग और पुलिस स्टेशन में देनी चाहिए ताकि आपका अधिक नुकसान ना हो और हुए नुकसान को ठीक किया जा सके.