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Cyber ​​Fraud Alert: टेलीग्राम पर इनवेस्टमेंट से ऑनलाइन डिटेन्शन तक, खाते से कैसे खाली हो रही गाढ़ी कमाई? कैसे बचें इससे और कहां करें शिकायत?

Cyber ​​Fraud Alert: दिन-प्रतिदिन एडवांस्ड होती जा रही टेक्नोलॉजी के फायदे हैं, तो नुकसान भी कम नहीं हैं. जानकारी के अभाव में साइबर ठग, आम आदमी को कैसे चूना लगाते हैं? इससे बचने का तरीका क्या है? और ऐसी घटनाओं की शिकायत कहां करें, हम आपको बताएंगे-

Cyber ​​Fraud Alert: बढ़ते डिजिटल दौर के साथ डिजिटल क्राइम की संख्या में भी आये दिन वृद्धि हो रही है. नेता, अफसर, कर्मचारी से लेकर मजदूर तक डिजिटल खिलाड़ियों के झांसे में फंस रहे हैं और लाखों का नुकसान करा रहे हैं. कहीं टेलीग्राम पर इनवेस्टमेंट से तो कहीं झूठे कस्टम अधिकारी के फोन से, साइबर फ्रॉड को लगातार अंजाम दिया जा रहा है. ध्यान देने वाली बात यह है कि साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधी विक्टिम के मनोदशा को ऐसे नियंत्रित कर रहे हैं, जिससे स्टेप-बाइ-स्टेप सब कुछ उनकी इच्छानुसार हो रहा है और आखिर में यूजर का अकाउंट खाली मिल रहा है. साइबर फ्रॉड को अंजाम देने की कई तरकीबें हैं, और हर तरकीब एक अलग यूजर बेस को टारगेट कर रही है. हमारे एक्सपर्ट साइबर लॉयर अंकित देव अर्पण आपको बता रहे हैं साइबर फ्रॉड के तरीकों के बारे में, ताकि आप इनसे होशियार रहें-

हनी ट्रैप : बात इज्जत की, पैसे के नुकसान से आत्महत्या तक

साइबर  फ्रॉड में हनी ट्रैप एक पुरानी तरकीब है. इसका उपयोग मैसेंजर पर ऑनलाइन रहने वाले यूजर को टारगेट कर के किया जाता है. इसके अंतर्गत WhatsApp, Facebook, Instagram इत्यादि के माध्यम से वीडियो कॉल का प्रलोभन दिया जाता है. कुछ स्थितियों में डायरेक्ट वीडियो कॉल आता है. इस वीडियो कॉल का स्क्रीन रिकार्ड यूट्यूब या अन्य वीडियो प्लैटफॉर्म पर डालने की धमकी दी जाती है.

फर्जी यूट्यूब मैनेजर और क्राइम ब्रांच पुलिस अधिकारी का नंबर ट्रू कॉलर जैसे Application में डाल जाता है और इसके माध्यम से दबाव बनाया जाता है. इसका शिकार होने वाले यूजर्स कथित एमएमएस डिलीट कराने के नाम पर लाखों रुपये देते हैं, ऐसे कुछ मामलों से तंग होकर युवाओं ने खुदकुशी को भी अंजाम दिया है. हाल ही में मेरठ के एक बारहवीं कक्षा के छात्र ने डेढ़ लाख रुपये की डिमांड होने पर अपने दोस्तों के सामने ही खुदकुशी की थी.

ऐसे में हनी ट्रैप जैसे मामलों में अपने परिवारी जनों को सबसे पहले सूचित करें. साथ ही अपने मित्रों या अन्य साइबर लॉ के जानकारों से मदद लें. विशेष स्थिति में पुलिस से भी सहायता ले सकते हैं, लेकिन इसे अपने मन पर नहीं हावी होने दें.

कस्टम ऑफिसर की धमकी, गैर कानूनी पार्सल के प्राप्त होने की सूचना

”हैलो, मैं कस्टम अधिकारी बोल रहा हूं, आपके नाम का पार्सल रिसीव हुआ है. इसमें गैर कानूनी सामान, ड्रग्स, आधार कार्ड, सिम और मोबाईल समेत कई चीजें रखी गई हैं जो इराक जा रहा है.” ऐसे फोन कॉल से भी सावधान रहें.

आम तौर पर ऐसे कॉल यूजर्स के मन में तुरंत डर पैदा करते हैं, और यूजर यह सोच भी नहीं पाता कि उसने आज तक कोई पार्सल भेजा नहीं, ना ही किसी से अपना आधार कार्ड या कुछ डॉक्यूमेंट शेयर किया. ऐसे में मामले को तुरंत समाप्त करने के चक्कर में वो इन कॉल को सही मानते हुए उन फर्जी अधिकारियों की बात मानता है.

ये साइबर अपराधी साइबर पोर्टल और क्राइम ब्रांच की डमी वेबसाईट में शिकायत दिखाते हैं, एवं ऑनलाइन डिटेन्शन के लिए पुलिस के वेश में अपने साथियों से वीडियो कॉल कराते हैं. इसके बाद इनके द्वारा एफआईआर रोकने के नाम पर लाखों की ठगी की जाती है.

ऐसे किसी भी कॉल के आने पर हिम्मत से जवाब दें, और कॉल करनेवालों से उसकी जानकारी पूछें. भारत में ऑनलाइन डिटेन्शन जैसा कुछ नहीं होता और न ही इस प्रकार कॉल औरव वीडियो कॉल कर के पुलिस एफआईआर दर्ज करती है.

टेलीग्राम के 150 रुपये के लाभ के लालच में लाखों का घाटा

पार्ट टाइम जॉब, शेयर बाजार से कमाई एवं सोशल मीडिया के जरिये पैसे कमा लेने का अलग ही क्रेज युवाओं में है. ऐसे में बात जब लाइक, कमेंट और गूगल रिव्यू- रेटिंग से पैसे कमाने की हो, तो युवा बाजी मारना चाहेंगे ही.

WhatsApp पर आये ऐसे मैसेज जहां घर बैठे कमाई की बात होती है और बदले में कुछ पोस्ट को लाइक कर के, या गूगल पर 5 स्टार रेटिंग देकर स्क्रीनशॉट भेजना होता है, युवा इसे तुरंत पूरा करते हैं. इसके बाद उन्हें टेलीग्राम पर एक रिसेप्शनिस्ट से कनेक्ट कराया जाता है, जहां अपनी मामूली जानकारी और यूपीआई भेजकर यूजर को उसके काम का भुगतान 150 रुपये प्राप्त हो जाता है. लेकिन आगे यही छोटा-सा लाभ एक बड़े नुकसान में बदल जाता है.

इस साइबर फ्रॉड में शेयर मार्केट इनवेस्टमेंट के लिए डमी पोर्टल बनाया गया होता है, जहां 1000 रुपये के बदले 1300 रुपये अर्थात 300 का लाभ तुरंत बन जाता है. ऐसे में निवेश करने वाले यूजर कब 1000 के निवेश से 1 लाख के निवेश तक पहुंच जाते हैं, उन्हें पता नहीं चलता. टेलीग्राम ग्रुप में अन्य लोगों को निवेश करते हुए एवं लाभ कमाते हुए देखकर यूजर और अधिक निवेश करता है, और ऐसे में लाखों के निवेश के बाद उसे ब्लॉक कर दिया जाता है. इस तरह छोटे लाभ के बाद उसे एक बड़ा नुकसान हो जाता है.

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें? कहां करें साइबर शिकायत?

ऐसे साइबर फ्रॉड्स से बचने के लिए किसी प्रकार के डमी ऐप्लिकेशन, अनधिकृत वेबसाइट, या टेलीग्राम ग्रुप इत्यादि में ट्रेंडिंग करने से बचें, साथ ही किसी भी शॉर्ट टर्म फायदे के झांसे में नहीं पड़ें अन्यथा यह बड़ा नुकसान दे सकता है. साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूक रहें और अपने मित्रों को भी जागरूक करें, किसी प्रकार के साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत ही 1930 पर कॉल करें, या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें और नजदीकी पुलिस थाने में संपर्क करें.

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