दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को छह लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन का सत्यापन करने का निर्देश दिया है. ये ऐसे कनेक्शन हैं, जिनके बारे में संदेह है कि ये गलत दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किये गये हैं.
विभाग ने दूरसंचार कंपनियों को 60 दिन के भीतर चिन्हित मोबाइल नंबरों का फिर से सत्यापन करने का निर्देश दिया है. बयान में कहा गया है, दूरसंचार विभाग ने लगभग 6.80 लाख मोबाइल कनेक्शन की पहचान की है. इनके बारे में संदेह है कि ये अवैध, गलत और जाली पहचान प्रमाण और पते के प्रमाणपत्र जैसे केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किये गये हैं.
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विभाग ने कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिये विश्लेषण के बाद लगभग 6.80 लाख मोबाइल कनेक्शन को संभावित रूप से धोखाधड़ी वाले नंबर के रूप में चिह्नित किया है. बयान में कहा गया है, गलत या फर्जी केवाईसी दस्तावेज का उपयोग बताता है कि इन मोबाइल कनेक्शन को गलत तरीके से प्राप्त किया गया.
दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इन चिन्हित मोबाइल नंबरों का फिर से सत्यापन करने के निर्देश जारी किये हैं. सभी दूरसंचार कंपनियों को 60 दिन के भीतर चिह्नित कनेक्शनों को फिर से सत्यापित करना अनिवार्य है. अगर सत्यापन में कनेक्शन विफल पाया जाता है, उसे बंद कर दिया जाएगा.
दूरसंचार विभाग ने अप्रैल में फिर से सत्यापन के लिए 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबर को चिह्नित किया था. इनमें से 8,272 मोबाइल कनेक्शन दोबारा सत्यापन में विफल रहने पर बंद कर दिये गये.
दूरसंचार विभाग ने क्यों कनेक्शन का सत्यापन करने का निर्देश दिया?
दूरसंचार विभाग ने छह लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शनों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है क्योंकि ये संदेहास्पद दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त किए गए हैं।
सत्यापन की समयसीमा क्या है?
दूरसंचार कंपनियों को 60 दिन के भीतर चिन्हित मोबाइल नंबरों का फिर से सत्यापन करना अनिवार्य है।
कितने मोबाइल कनेक्शन संभावित रूप से धोखाधड़ी वाले पाए गए हैं?
दूरसंचार विभाग ने लगभग 6.80 लाख मोबाइल कनेक्शनों को संभावित रूप से धोखाधड़ी वाले नंबरों के रूप में चिह्नित किया है।
किस तकनीक का उपयोग कर कनेक्शनों की पहचान की गई?
कनेक्शनों की पहचान कृत्रिम मेधा (एआई) के माध्यम से विश्लेषण कर की गई है।
यदि सत्यापन विफल होता है, तो क्या होगा?
अगर किसी कनेक्शन का सत्यापन विफल पाया जाता है, तो उसे बंद कर दिया जाएगा।
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