Loading election data...

DRDO ने किलर मिसाइल Rudram II का किया सफल परीक्षण, दुश्मन के इलाके को सेकेंड में करेगा ध्वस्त

DRDO ने हवा से सतह पर वार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-II का सफल परीक्षण किया है. इसको लेकर देश के रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर बधाई भी दी है.

By Aryan Raj | May 30, 2024 11:53 AM
an image

Anti-Radiation Missile Rudram-II: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को 11:30 बजे ओडिशा तक पर अपने नए लड़ाकू मिसाइल रूद्रम-II का सफल परीक्षण कर दिया है. ये एंटी रेडिएशन मिसाइल हवा से जमीन पर वार करने के लिए बनाई गई एक ऐसी मिसाइल पलक झपकते दुश्मन पर तेजी से वार करने में सक्षम है.

मिसाइल लॉन्च होने की जानकारी डीआरडीओ ने मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर शेयर कर दी है. डीआरडीओ ने अपने पोस्ट में लिखा है कि इस उड़ान परीक्षण में परीक्षण के सारे उद्देश्य पूरे हुए हैं-

ये भी पढ़ें: Bulletproof Jacket: DRDO ने बनाई भारत की सबसे हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट

मिसाइल के लॉन्च होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया है, उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है, “इस परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी. उन्होंने वायु सेना, डीआरडीओ समेत उद्योग जगत को बधाई दी है.”

जानें Rudram-II की ताकत
155 किग्रा वजनी इस मिसाइल की लंबाई 18 फुट है, यह पलक झपकते तेज रफ्तार से दुश्मन के पूरे इलाके को ध्वस्त कर सकती है, ये मिसाइल आवाज की स्पीड से 5 गुना तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है.
बता दें 15 किमी तक की ऊंचाई तक जानेवाली इस मिसाइल की रेंज 300 किमी है. ये मिसाइल 6791.4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर वार करने में सक्षम है इसलिए इसे हाइपर सोनिक मिसाइल की कैटेगरी में रखा गया है.

आपको यह भी बता दें कि डीआरडीओ के साथ इस मिसाइल को डिजाइन करने और बनाने में भारत इलेक्ट्रानिक्स डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ अदाणी डिफेन्स एंड एयरोस्पेस का भी योगदान रहा है.

रुद्रम-I का नया संस्करण है Rudram-II
बता दें इससे पहले रुद्रम 1 का परीक्षण आज से चार साल पहले फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई द्वारा किया गया था.

Rudram-II मिसाइल का परीक्षण कब और कहाँ किया गया?

Rudram-II का सफल परीक्षण बुधवार को ओडिशा में 11:30 बजे किया गया।

Rudram-II की खासियतें क्या हैं?

यह 155 किग्रा वजनी, 18 फुट लंबी मिसाइल है, जो आवाज की स्पीड से 5 गुना तेज़ (6791.4 किमी/घंटा) उड़ान भरने में सक्षम है और 300 किमी तक के क्षेत्र में हमला कर सकती है।

Rudram-II का विकास किसने किया है?

इस मिसाइल का विकास DRDO के साथ भारत इलेक्ट्रानिक्स डायनेमिक्स लिमिटेड और अदाणी डिफेन्स एंड एयरोस्पेस ने मिलकर किया है।

इस परीक्षण पर रक्षा मंत्री का क्या बयान था?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण को भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत बढ़ाने वाला बताया और वायु सेना, DRDO तथा उद्योग जगत को बधाई दी।

Rudram-II, Rudram-I से कैसे भिन्न है?

Rudram-II, Rudram-I का नया संस्करण है, जिसका परीक्षण चार साल पहले सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट द्वारा किया गया था।

ये भी पढ़ें: Indian Navy: पानी में ही दुश्मनों के पनडुब्बी की समाधि बना देगा ‘SMART’, डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण, जानें…

Exit mobile version