रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक ऐसी उन्नत तकनीक विकसित की है, जिससे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को दुश्मनों की मिसाइल से बचाया जा सकेगा.
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डीआरडीओ ने कहा है कि सफल परीक्षण के बाद तकनीक को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस तकनीक से भारतीय सेना और मजबूत होगी.
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डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं ने ''उन्नत चाफ सामग्री और चैफ गोलियां'' बनायी हैं. इससे दुश्मन के मिसाइल को भटकाने में उपयोगी काफी कम मात्रा में तैनात चाफ सामग्री लड़ाकू विमानों को सुरक्षित करती है.
सांकेतिक तस्वीर | DRDO
भारतीय वायुसेना की जरूरतों के मुताबिक काफी मात्रा में इस उन्नत तकनीक का उत्पादन करने के लिए यह तकनीक उद्योग जगत को दी गयी है. मालूम हो कि डीआरडीओ की जोधपुर स्थित लैब में इसे विकसित किया गया है.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तकनीक को विकसित करने के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और उद्योग जगत की जमकर प्रशंसा की. साथ ही कहा कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में डीआरडीओ का एक और बेहतरीन कदम है.
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