Earth Mini Moon: सूर्य और चंद्रमा, पृथ्वी के आसमान में हमें नजर आनेवाली सबसे अनोखी चीजें हैं. हमारे दिन और रात, पर्व और त्योहार इन पर आधारित होते हैं. सूर्य स्थिर है और पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है, और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है. और इसलिए विज्ञान की भाषा में उसे प्राकृतिक उपग्रह कहते हैं. विज्ञान कहता है कि जब किसी ग्रह की कोई वस्तु उसकी परिक्रमा करती है, तो उसे उपग्रह माना जाता है. पृथ्वी के पास जल्द ही हमें दो चंद्रमा घूमते दिखाई देंगे.
29 सितंबर से 25 नवंबर तक रहेगा पृथ्वी के आसपास
जी हां, पृथ्वी के चंद्रमा को जल्द ही एक नया साथी मिलने वाला है. यह मिनी मून लगभग दो महीने तक पृथ्वी के चक्कर लगायेगा. दरअसल, ऐसा एक दुर्लभ खगोलीय घटना से संभव हुआ है, जिसके तहत एक छोटा एस्टेरॉयड, यानी क्षुद्रग्रह, धरती के गुरुत्वाकर्षण में फंसकर 29 सितंबर से 25 नवंबर तक हमारी पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. 25 नवंबर 2024 के बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा और फिर से सूर्य की परिक्रमा करने लगेगा. इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 PT5 है और इसे नासा के एस्टेरॉयड टेरिस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) ने खोजा है.
घोड़े की नाल के आकार में करेगा पृथ्वी की परिक्रमा
दो महीने के लिए धरती का मिनी मून बना इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 PT5 है. इसे 7 अगस्त को खोजा गया था. इसका व्यास, यानी डायमीटर लगभग 10 मीटर (लगभग 33 फीट) है. यह 29 सितंबर से 25 नवंबर तक चांद की तरह पृथ्वी के चक्कर लगाएगा, इसलिए इसे मिनी मून नाम दिया गया है. स्पीड बहुत कम होने की वजह से आनेवाले दो महीने में यह एस्टेरॉयड पृथ्वी का एक चक्कर भी पूरा नहीं कर पाएगा. घोड़े की नाल के आकार में पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद यह वापस अपनी ऑर्बिट में चला जाएगा. आपको मालूम है कि चंद्रमा हमारी धरती का एक चक्कर लगाने में 30 दिनों का समय लेता है.
छोटा और धुंधला होने से देखना मुश्किल
सूर्य के चक्कर लगाते हुए यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास पहुंच चुका है. इस वजह से यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से खिंचकर पृथ्वी के चक्कर लगाने लगा है. 25 नवंबर के बाद इस पर गुरुत्वाकर्षण का असर खत्म हो जाएगा. और तब यह धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर हो जाएगा और वापस सूरज की ऑर्बिट में लौट जाएगा. इससे पहले, साल 1981 और 2022 में भी पृथ्वी को 2022 NX1 नाम का एक मिनी मून मिला था, जिसने धरती के चारों ओर अधूरा चक्कर लगाया था और अब इसके 2051 में दोबारा लौटने की संभावना है. 2024 PT5 इतना धुंधला होगा कि इसे नंगी आंखों से तो क्या, सामान्य खगोलीय दूरबीनों से भी नहीं देखा जा सकेगा. इसे सिर्फ 22 मैग्निट्यूड वाले एडवांस ऑब्जरवेटरी से देखा जा सकेगा.
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