सैन फ्रांसिस्को : अमेरिकी सरकार एक अजेय साम्राज्य-गूगल के सर्च इंजन के खिलाफ मुकदमा लड़ने जा रही है, जिसके (सर्च इंजन के) बिना इंटरनेट पर कुछ भी ढूंढ़ने की कल्पना नहीं की जा सकती. वाशिंगटन डीसी संघीय अदालत में कानूनी जोर-आजमाइश पूरी तरह से शुरू हो जाने रही है, जहां एक बड़े मुकदमे की सुनवाई देखने को मिलेगी.
अमेरिकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता के समक्ष 10 सप्ताह की सुनवाई में गूगल और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के साथ-साथ अन्य शक्तिशाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों की संभावित गवाही होने की उम्मीद है.
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अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई, जो 2019 में गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज के उत्तराधिकारी बने थे, प्रमुख गवाहों में एक होंगे. अदालती दस्तावेजों से यह भी संकेत मिलता है कि ऐपल के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में से एक, एडी क्यू को भी अदालत में बुलाया जा सकता है.
गूगल के खिलाफ मुकदमा कई मायनों में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ शुरू किये गये मुकदमे को दर्शाता है, जिसमें एक प्रसिद्ध तकनीकी दिग्गज के अस्तित्व को खतरा भी शामिल है, जिसके उत्पादों पर अरबों लोग भरोसा करते हैं.
ट्रम्प प्रशासन के दौरान मुकदमा दायर करने के लगभग तीन साल बाद, अमेरिकी न्याय विभाग के वकील यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि गूगल नवाचार को हतोत्साहित करने वाले तरीकों से प्रतिस्पर्धा को दबाने के लिए अपने सर्च इंजन की शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है.
आलोचकों का कहना है कि सर्च के परिणामों की गुणवत्ता भी खराब हो गई है, क्योंकि गूगल ने अपने सर्च इंजन का उपयोग विज्ञापन बेचने और अपने स्वयं के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किया है.
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