Depfake New IT Law: आए दिन कोई ना कोई सिलिब्रिटी डीपफेक के शिकार हो रहें है. आपको बता दें टाटा ग्रुप के मुखिया रतन टाटा, इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति सहित रश्मिका मंदाना, काजोल, कैटरीना कैफ, आलिया भट्ट सहित कई और शख्सियत भी डीपफेक की शिकार हो चुकी हैं और ऐसे में समय-समय पर इन्हें सामने आकर अपना स्टैंड भी क्लियर करना पड़ा है. ऐसे में डीपफेक को लेकर अब सरकार ने सख्त कदम उठाया है. आपको बता दें कि अगले सात दिनों के अंदर सरकार नई आइटी नियम लाने वाली है. इस नियम में सख्त कदम उठाए जाएंगे और सख्ती से कार्रवाई भी होगी.
अब टीम इंडिया के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक डीपफेक वीडियो का भंडाफोड़ किया है. इस डीपफेक वीडियो में दिखाया गया है कि उनकी बेटी सारा तेंदुलकर ऑनलाइन वीडियो गेम के जरिए काफी कमाई करती हैं. वीडियो में खुद सचिन यह बात बताते हुए दिख रहे हैं. ऐसे में सचिन ने एक्स ( पुराना नाम ट्विटर ) पर एक वीडियो शेयर करते हुए इसे डीपफेक बताया और कहा कि यह पूरी तरह फर्जी है. उन्होंने कहा कि ऐसे वीडियो की रिपोर्ट की जानी चाहिए और इसपर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए.
These videos are fake. It is disturbing to see rampant misuse of technology. Request everyone to report videos, ads & apps like these in large numbers.
Social Media platforms need to be alert and responsive to complaints. Swift action from their end is crucial to stopping the… pic.twitter.com/4MwXthxSOM
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 15, 2024
वर्तमान में भारत में डीप फेक के लिए विशिष्ट रूप से कोई कानून नहीं है, परंतु अब सरकार ने सख्त कदम उठाया है. आपको बता दें कि अगले सात दिनों के अंदर सरकार नई आइटी नियम लाने वाली है. इस नियम में सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि वर्तमान में आरत में कई अन्य कानून हैं, जिसकी सहायता से इस साइबर अपराध से निपटा जा सकता है. इनमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66ई और धारा 66डी जैसे कानूनी प्रावधानों के अतिरिक्त, भारतीय कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धारा 51 भी शामिल है.
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धारा 66ई : सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की यह धारा डीप फेक के जरिये जनसंपर्क माध्यमों में किसी व्यक्ति की फोटो को कैप्चर, प्रकाशित या प्रसारित करने और उस व्यक्ति की गोपनीयता का उल्लंघन करने से संबंधित है. इस कानून के तहत इस तरह के अपराध के लिए तीन वर्ष तक की कैद या दो लाख के जुर्माने का प्रावधान है.
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धारा 66डी : धारा 66डी कहती है कि जब किसी संचार उपकरणों या कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग धोखाधड़ी करने के इरादे से किया जाता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा होना चाहिए. इस प्रावधान के तहत अपराध करने पर तीन वर्ष तक की कैद और/ या एक लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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भारतीय कॉपीराइट अधिनियम 1957 : इस अधिनियम की धारा 51 के तहत, किसी अन्य व्यक्ति के किसी भी कार्यों का अनधिकृत रूप से उपयोग करना, जिस पर उस व्यक्ति का विशेषाधिकार है, इस कानून का उल्लंघन माना जायेगा. इस तरह, यह कॉपीराइट के स्वामियों को कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति देता है. डीप फेक से संबंधित विशिष्ट कानून के न होने के बावजूद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नौ जनवरी, 2023 को एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें मीडिया संगठनों से छेड़छाड़ की गयी सामग्री पर लेबल लगाने और सावधानी बरतने का आग्रह किया गया था.
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