National Technology Day: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों मनाया जाता है? जानिए दोनों में अंतर

National Technology Day and National Science Day : हमारे देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, दोनों मनाये जाते हैं. सुनने में तो दोनों एक ही जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों में फर्क है. आइए जानते हैं क्या है वह-

By Rajeev Kumar | May 11, 2024 10:35 AM
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National Technology Day National Science Day : भारत में हर साल देशभर में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जाता है. यह दिवस देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है. इस दिन उन वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और इनोवेटर्स को याद करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

दूसरी ओर, भारत में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस यानी नेशनल साइंस डे मनाया जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नये प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है. मोटे तौर पर देखें, तो ये दोनों दिवस एक जैसे ही लगते हैं, लेकिन इन्हें मनाये जाने की वजह, इतिहास और महत्व अलग-अलग हैं. आइए जानते हैं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बीच क्या अंतर है-

नेशनल साइंस डे (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) सन 1986 से भारत में प्रतिवर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है.

नेशनल टेक्नोलॉजी डे (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) सन 1998 से भारत में प्रतिवर्ष 11 मई को मनाया जाता है.

नेशनल साइंस डे प्रतिवर्ष 28 फरवरी को प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) के सन 1928 में कोलकाता में की गई उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इसे ‘रमन प्रभाव’ कहते हैं.

नेशनल टेक्नोलॉजी डे प्रतिवर्ष 11 मई को सन 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण की याद में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इस ऐतिहासिक उपलब्धि के नायक डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम थे.

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नेशनल साइंस डे (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) का इतिहास

प्रोफेसर सी.वी. रमन ने सन 1928 में कोलकाता में एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है. रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी. इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस कार्य के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

नेशनल टेक्नोलॉजी डे (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) का इतिहास

11 मई 1998 को भारत ने पोखरण में सफल परमाणु टेस्ट किया था. इस टेस्ट के बाद भारत को परमाणु-सक्षम राष्ट्र बना दिया और देश की साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया गया. इन टेस्ट के महत्व को चिह्नित करने के लिए सरकार ने 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बीच क्या अंतर है?

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, जबकि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) विज्ञान में महत्वपूर्ण खोजों को मान्यता देता है।

नेशनल साइंस डे कब मनाया जाता है?

यह दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है, जो प्रोफेसर सी.वी. रमन की ‘रमन प्रभाव’ खोज की याद में है।

नेशनल टेक्नोलॉजी डे कब से मनाया जाता है?

यह 11 मई को मनाया जाता है, जो 1998 में पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण की याद में स्थापित किया गया था।

सी.वी. रमन की खोज का महत्व क्या है?

उनकी खोज ‘रमन प्रभाव’ ने प्रकाश विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का उद्देश्य क्या है?

इस दिन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान को याद किया जाता है और देश में तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।

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