सीमेंट और छड़ के बिना भी बनते हैं मजबूत घर, यहां बिजली का बिल भी कम आएगा
इस घर में एसी का बिल कम आता है और यह दिखने में भी शानदार है. अगर आप सोच रहे हैं कि यह कोई कोरी कल्पना है, तो हम आपको बता दें ऐसा हुआ है राजस्थान के अलवर में. जी हां, अलवर में सस्टेनबल लिविंग पर आधारित मकान का एक नायाब नमूना तैयार किया गया है और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है.
House Construction Technology : आज के समय में मकान बनाना बहुत महंगा हो गया है. सीमेंट और छड़ (सरिया) के दाम आसमान को छू रहे हैं. ऐसे में अगर हम आपको ऐसे घर के बारे में बताएं, जिसे बनाने में न सीमेंट लगा हो, न सरिया और उसके बावजूद यह मजबूत भी हो, तो कैसा रहेगा?
इस घर में एसी का बिल कम आता है और यह दिखने में भी शानदार है. अगर आप सोच रहे हैं कि यह कोई कोरी कल्पना है, तो हम आपको बता दें ऐसा हुआ है राजस्थान के अलवर में. जी हां, अलवर में सस्टेनबल लिविंग पर आधारित मकान का एक नायाब नमूना तैयार किया गया है और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है.
आधुनिकीकरण के इस दौर में लोग फिर से सस्टेनेबल लिविंग की ओर बढ़ रहे हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कर पेपर कटलरी का उपयोग बढ़ना और खाने में ऑर्गैनिक फूड भी इस्तेमाल बढ़ना इसके उदाहरण हैं. यह मकान भी इसी सस्टेनेबल लिविंग के सिद्धांत को याद रखकर बनाया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसे बनाने में मिट्टी के साथ-साथ रसोई में काम आनेवाले कई सामानों का इस्तेमाल किया गया है.
‘द बेटर इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता सांघी (60) और शिप्रा सिंघानिया (35) नाम की सास-बहू आर्किटेक्ट्स की जोड़ी द्वारा डिजाइन किये गए इस कोठी को बनाने में सीमेंट, सरिया (छड़) या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. सीमेंट, सरिया (छड़) और कंक्रीट की जगह इसमें लकड़ी, बांस, मिट्टी और पत्थर जैसे पारंपरिक सामान का इस्तेमाल कर इसका स्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसकी दीवारों पर लगे प्लास्टर की सामग्री को ईंट का चूरा और मिट्टी से तैयार किया गया है. यह इस मकान की दीवारों को स्पेशल लाल कलर देता है.
Also Read: New Technology : ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस ने लकवाग्रस्त लोगों को ‘आवाज’ देने की जगाई उम्मीद, जानें क्या है तकनीकमिट्टी आधारित प्लास्टर होने की वजह से इस घर की दीवारें सीमेंट की तुलना में ज्यादा ठंडी रहती हैं. इस वजह से एयर कंडीशनर यानी एसी का बिल भी कम आता है. वहीं आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसके फर्श और छत को बनाने में मेथी दाना, गुड़, नीम जैसी जड़ी-बूटी और कुछ खास तरह के वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. इस वजह से इस घर से मक्खी-मच्छर और कीड़े-मकौड़े दूर रहते हैं.
मिट्टी आधारित बना हुआ यह घर देखकर आप इसे कच्चा मकान सोचने या समझने की भूल मत कीजिएगा. यह कच्चा मकान बिल्कुल नहीं है. इस मकान की मुख्य दीवारों को पत्थर से तैयार किया गया है. वहीं कॉलम भी पत्थर से बनाये गए हैं. यह सब कुछ यहां स्स्थानीय रूप से आराम से मिल जाता है. इस मकान की छत पर जाने के लिए सीढ़ियां भी हैं, जो पत्थर से बनायी गईं हैं.
सस्टेनेबल लिविंग के इस बेजोड़ नमूने इस घर में दो बड़े-बड़े कमरे, एक सेंट्रल हॉल तैयार किया गया है. वहीं इसका एल-शेप का डिजाइन इसे ठंडा रखने में मदद करता है. एल-शेप का होने की वजह से इस मकान में हवा का प्रवाह भी बढ़िया बना रहता है. जिससे यह घर गर्मियों में ठंडा और ठंड में गर्म रहता है. इससे इसमें रहनेवालों को एसी और ब्लोअर जैसी चीजों पर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते हैं.