Feel Good On India Drone Manufacturing: भारत अब वैश्विक ड्रोन निर्माण उद्योग में दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है और तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है. पहले केवल असेंबली के लिए पहचाने जाने वाले भारतीय ड्रोन उद्योग में अब लगभग सभी प्रमुख कंपोनेंट्स – फ्लाइट कंट्रोलर, मोटर, बैटरी, ESC, GPS, कैमरा, फ्रेम और रेडियो संचार मॉड्यूल – स्वदेशी रूप से निर्मित किये जा रहे हैं. Agam Robotics, Vector Technics, Tonbo Imaging, PDRL जैसी कई भारतीय कंपनियां अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक विकसित कर रही हैं. चीन की तरह, भारत भी अब एक वैश्विक ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है.
भारत आज दुनिया में ड्रोन निर्माण का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है, जो केवल चीन से थोड़ा पीछे है. जिस तरह से भारतीय मोबाइल फोन उद्योग ने खुद को स्थापित किया, उसी तरह भारतीय ड्रोन कंपनियां भी तेजी से उभर रही हैं और विश्वस्तरीय तकनीक विकसित कर रही हैं.
भारत में केवल असेंबली होती है – यह धारणा गलत है!
भारतीय कंपनियां अब ड्रोन के लगभग सभी आवश्यक घटकों का निर्माण कर रही हैं, जिससे यह उद्योग आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. यहां भारत में निर्मित प्रमुख ड्रोन कंपोनेंट्स और उनके निर्माता दिये गए हैं:
1. फ्लाइट कंट्रोलर (Flight Controllers)
भारतीय कंपनियां अब स्वदेशी फ्लाइट कंट्रोलर बना रही हैं, जो ड्रोन को नियंत्रण और नेविगेशन में मदद करता है.
Agam Robotics: V6X-RT Autopilot
Safear Defense: Pilot X Autopilot
Zuppa GeoNavigation: Navgati Autopilot
PDRL: AeroFC AG++ (एग्रीकल्चर ड्रोन के लिए)
Dark Matter: Brahma Series (FPV ड्रोन के लिए)
2. बीएलडीसी मोटर (BLDC Motors)
ड्रोन के पावरफुल मोटर्स को अब भारतीय कंपनियां बना रही हैं.
Vector Technics
Reflex Drive
IINDEPRO Dynamics
MechTex (Motion Drivetonics)
3. इलेक्ट्रॉनिक स्पीड कंट्रोलर (ESC – Electronic Speed Controllers)
ड्रोन की गति और संतुलन को नियंत्रित करने वाले ESC भी भारत में बनाये जा रहे हैं.
Vector Technics
Reflex DriveFlameback Technologies
ZeroDrag (Boost ESC)
Dark Matter (Vishnu ESC)
4. प्रोपेलर्स (Propellers)
ड्रोन के संतुलन और उड़ान को नियंत्रित करने वाले प्रोपेलर्स भी अब भारतीय कंपनियां बना रही हैं.
Vector Technics
Reflex Drive
Nautical Wings Aerospace
SR Aerospace
5. बैटरी (Drone Batteries)
लंबी उड़ान और अधिक पावर के लिए भारत में अब उच्च गुणवत्ता वाली ड्रोन बैटरियां बनायी जा रही हैं.
Eionic Battery / Dreamfly
AlgoFET
ATC Batteries
Trontek Batteries
Revogreen Batteries
6. पावर डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम
XLR8 Aerospace (Centralized Power System)Vector Technics (Power Distribution Board)
AlgoFET (Battery Management System)
7. जीपीएस और नेविगेशन (GPS & Navigation Modules)
Elena Geo System (Drone Navigation Unit)Vyomastra (Orbit NavIC-GPS Module)
Sierra Aerospace (GNSS Module)
8. कैमरा और इमेजिंग टेक्नोलॉजी (EO/IR Payload)
ड्रोन में लगे कैमरा और इमेजिंग सिस्टम को भी भारतीय कंपनियां बना रही हैं.
Tonbo Imaging
Bitmapper
Eon Space Lab
9. ड्रोन के लिए फ्रेम निर्माण (Frames Manufacturing)
अब भारत में ही मजबूत और हल्के ड्रोन फ्रेम बनाये जा रहे हैं.
Carbon Light
Fabheads (3D Printed Frames)
Copter Innovations
10. इनर्शियल नेविगेशन यूनिट (IMU/INU)
ड्रोन के स्टेबल उड़ान को सुनिश्चित करने के लिए भारत में IMU/INU तकनीक भी विकसित हो रही है.
Aeron Systems (Castor IMU, Pollux INU)
Yaanendriya (Inertial Sensing Module)
11. रेडियो कम्युनिकेशन और वीडियो ट्रांसमिशन (Radio Communication/VTX)
Exicom (Condor Lite – Airborne Datalink)
ZeroDrag (VTX Module)
12. ट्रांसमीटर और रिसीवर मॉड्यूल (TX/RX Modules)
ZeroDrag (Nexus-1 Receiver Module)
Agniforge Industries
भारत के ड्रोन उद्योग को लेकर आत्मनिर्भरता की सोच
कई लोग यह मानते हैं कि भारत में केवल ड्रोन असेंबल किये जाते हैं, लेकिन यह सच नहीं है. आज भारत में ड्रोन के लगभग सभी महत्वपूर्ण घटक बनाये जा रहे हैं.
असेंबलिंग हब नहीं, ग्लोबल मैन्युफैक्चरर कहिए जनाब
चीन में निर्मित मोबाइल फोन के 80% से अधिक घटक अन्य देशों से आयात किये जाते हैं. फिर भी, चीन खुद को केवल असेंबलिंग हब नहीं मानता, बल्कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरर के रूप में पेश करता है.
भारत को भी अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं पर गर्व करना चाहिए और अपने ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए. आने वाले वर्षों में भारत ड्रोन तकनीक में दुनिया का अगला सुपरपावर बन सकता है.
भारत में अब ड्रोन निर्माण के लगभग सभी आवश्यक कंपोनेंट तैयार किये जा रहे हैं, जिससे यह उद्योग आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. सरकारी सहयोग और स्थानीय इनोवेशन के चलते भारत जल्द ही वैश्विक ड्रोन निर्माण का सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है.
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