10 साल में 5 गुना बढ़ा भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन, लेकिन डिजाइन और कंपोनेट्स में धीमी रही रफ्तार
Economic Survey 2024-25: आर्थिक समीक्षा ने यह भी रेखांकित किया कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं, जैसे पीएलआई स्कीम ने घरेलू विनिर्माण को गति दी है, खासकर मोबाइल फोन के क्षेत्र में.
Economic Survey 2024-25: भारत में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पिछले एक दशक में कई गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 9.52 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, लेकिन इस वृद्धि के बावजूद डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण में सीमित प्रगति हुई है. शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह बात कही गई.
वैश्विक बाजार में भारत का हिस्सा चार प्रतिशत
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि भारत का वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में हिस्सा चार प्रतिशत है, लेकिन इसका ध्यान मुख्य रूप से असेंबलिंग पर केंद्रित है, जबकि डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है.
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया योजनाओं का प्रभाव
समीक्षा में यह भी बताया गया कि मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं के चलते घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिला और विदेशी निवेश आकर्षित हुआ है, जिससे मोबाइल फोन के विनिर्माण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
मोबाइल फोन उत्पादन में वृद्धि
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने करीब 33 करोड़ मोबाइल फोन इकाइयों का उत्पादन किया, जिनमें 75 प्रतिशत से अधिक मॉडल 5जी क्षमता से लैस थे. इसके अलावा, मोबाइल फोन के आयात में भी बड़ी कमी आई है और अब भारत स्वदेश में अपनी 99 प्रतिशत स्मार्टफोन जरूरतों को पूरा कर रहा है.
प्रोत्साहन योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक समीक्षा ने यह भी रेखांकित किया कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं, जैसे पीएलआई स्कीम ने घरेलू विनिर्माण को गति दी है, खासकर मोबाइल फोन के क्षेत्र में.
डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण में चुनौतियां
हालांकि, डिजाइन और कलपुर्जा विनिर्माण में अभी भी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं और यह क्षेत्र अभी भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की पूरी क्षमता का लाभ नहीं उठा पाया है.
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