International Womens Day 2024 Google Doodle : आज, यानी 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. पूरे विश्व की महिलाओं को समर्पित इस दिन शुभकामनाएं देकर उनका हौसला बढ़ाया जाता है. सर्च इंजन गूगल ने भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एक खास डूडल बनाकर महिला शक्ति को सलाम किया है. गूगल ने अपने आज के डूडल में महिला दिवस का जश्न मनाते हुए लैंगिक समानता की दिशा में उठाये गए सभी कदमों का सम्मान किया है. Women’s Day: महिलाएं फोन में रखें ये ऐप्स, खतरा भाग जाएगा…
International Womens Day : क्यों मनाते हैं?
8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. दुनियाभर में महिलाओं की उपलब्धियों और मानव अस्तित्व में उनके योगदान को याद रखने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को चिह्नित करने के लिए महिला दिवस के रूप में यह दिन मनाया जाता है. इस विशेष अवसर पर सर्च इंजन गूगल ने खास डूडल बनाकर नारी शक्ति को समर्पित किया है. Women’s Day: महिलाएं इन स्मार्टफोन टिप्स से खुद को कर सकती है सिक्योर, यहां जानें
International Womens Day : आज का गूगल डूडल किसने बनाया?
महिला दिवस पर बनाये अपने खास डूडल में इस दिन का जश्न मनाते हुए गूगल ने लैंगिक समानता की दिशा में उठाये गए और उठाये जा रहे सभी कदमों का सम्मान किया है. यह डूडल समाज में महिला की बराबरी की भागीदारी पर जोर देता है. गूगल के इस डूडल को सोफी डियाओ (Sophie Diao) ने बनाया है. महिला दिवस के लिए बनाया गया यह गूगल डूडल उन सभी कार्यों को समर्पित है, जिन्होंने लैंगिक समानता की दिशा में ठोस कदम उठाये हैं.
International Womens Day : महिला दिवस के बारे में ये बातें जानते हैं आप?
संयुक्त राष्ट्र ने साल 1975 में आज ही के दिन पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) मनाया था. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस ( IWD) लिंग और नस्लीय वेतन अंतर, प्रजनन अधिकार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम जैसे मुद्दों पर केंद्रित है. महिला दिवस पर लोग उन महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, जिन्होंने समाज को बदलने, समानता के लिए लड़ाई लड़ने और लोगों के लिए सकारात्मक उदाहरण पेश करने में अपनी भूमिका निभाई.
International Womens Day : महिलाओं ने किन मुद्दों पर उठायी आवाज?
8 मार्च की तारीख दो शुरुआती महिला दिवस प्रदर्शनों की प्रतीक है. पहला, रूस के सेंट पीटर्सबर्ग वाला और दूसरा, न्यूयॉर्क शहर वाला. इसके बाद आनेवाले कई वर्षों में अलग-अलग जगह और समय में महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद की. महिलाओं ने सुरक्षित रोजगार, वोट देने का अधिकार, समान वेतन का अधिकार सहित लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में एक नहीं बल्कि अनेक बार आवाज उठायी.