Loading election data...

Magic Of Internet: बंटवारे के 77 साल बाद पंजाब के 85 वर्षीय बुजुर्ग को पाकिस्तान में मिला परिवार

Magic Of Internet: पंजाब के 85 वर्षीय बुजुर्ग को पाकिस्तान में उनका बिछड़ा हुआ परिवार 77 साल बाद मिल गया. सोशल मीडिया और तकनीक इस नेक काम का बड़ा जरिया बने हैं. पढ़ें पूरी खबर

By Rajeev Kumar | November 3, 2024 10:40 PM
an image

Magic Of Internet: 1947 में हुए विभाजन के बाद दो देशों का निर्माण तो हुआ, लेकिन इस बंटवारे ने अनगिनत जिंदगियों को प्रभावित किया. सरहद के दोनों तरफ के लोगों ने बंटवारे का दंश झेला. कई लोगों को सीधे तौर पर नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उन दर्दनाक कहानियों को सुनकर आज भी दिल सिहर उठता है. इंटरनेट के माध्यम से कई परिवार फिर से जुड़ रहे हैं और एक-दूसरे से बात कर रहे हैं. सरहद के दोनों तरफ के नेकदिल लोगों की कोशिशों की बदौलत कुछ चेहरों पर यादों की लकीरों के साथ मुस्कुराहट लौट रही है.

8 की उम्र में बिछड़े, 77 साल बाद मिले

कुछ ऐसी ही कहानी है छोटा सिंह की. भारत-पाकिस्तान विभाजन के 77 साल बाद, 85 वर्षीय छोटा सिंह, जो लुधियाना, पंजाब में रहते हैं, हाल ही में पाकिस्तान में अपने परिवार से मिले. विभाजन के समय अपने मुस्लिम परिवार से बिछड़ने के बाद, उनका पालन-पोषण एक सिख परिवार ने किया. उनकी कहानी एक स्थानीय डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर साझा की, और इसके बाद एक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने उनके परिवार को इंटरनेट के माध्यम से ढूंढकर निकाल लिया.

विभाजन के बाद सिख परिवार ने किया पालन-पोषण

अंग्रेजी अखबार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह कहानी 85 वर्षीय छोटा सिंह की है, जो पिछले 77 साल से पंजाब के लिंब्रा में रह रहे हैं. वह मूल रूप से पाकिस्तान के घुंगराली राजपूतान के रहने वाले हैं और मुस्लिम परिवार में जन्मे थे. विभाजन के बाद, एक सिख परिवार ने उनका पालन-पोषण किया, जिनमें से गुलजार सिंह ने उन्हें गोद लिया था.

इंटरनेट ने किया कमाल

हाल ही में, डॉक्टरों और सोशल मीडिया के प्रयासों से छोटा सिंह अपने गांव, टोबा टेक सिंह, पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिल पाये. उन्होंने अपने परिवार से मिलने की खुशी जाहिर की और सभी मददगारों का आभार व्यक्त किया. छोटा सिंह की परिवार खोजने की प्रक्रिया अप्रैल में शुरू हुई, जब स्थानीय डॉक्टर डॉ शाकिर लिब्रा ने उनकी कहानी को एक सोशल मीडिया वीडियो के जरिये साझा किया. इस वीडियो ने टोबा टेक सिंह के यूट्यूबर डॉ मुहम्मद एहसान को प्रेरित किया, जिन्होंने छोटा सिंह के परिवार की पहचान में मदद की.

भावुक रहा पुनर्मिलन

छोटा सिंह वीजा मिलने के बाद 28 अक्टूबर को अपने गांव पहुंचे. लौटने के समय उन्हें भावभीनी विदाई मिली. ग्रामीणों ने उन्हें माला पहनाई और केक काटकर उनकी खुशी में सब शामिल हुए. छोटा सिंह के छह भाई थे, लेकिन सभी का निधन हो चुका है. हालांकि, उनके भतीजे और विस्तारित परिवार ने उनका स्वागत करने में तत्परता दिखाई. यह पुनर्मिलन खासतौर पर तब भावुक हो गया, जब सिंह को पता चला कि उनके छोटे भाई मुहम्मद रमजान का निधन केवल दो सप्ताह पहले हुआ था.

Ratan Tata Last Post: ‘मेरे बारे में सोचने के लिए शुक्रिया’, भावुक कर देगा रतन टाटा का आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट

Bhavish Aggarwal vs Kunal Kamra: जुबानी जंग नेक्स्ट लेवल पर पहुंची, ये है लेटेस्ट अपडेट

Exit mobile version