Meta ने PTI से मिलाया हाथ, अब गलत सूचनाओं की होगी जांच

Meta का फैक्ट चेक प्रोग्राम 2016 में वायरल गलत सूचना की समस्या और विशेष रूप से उन अफवाहों का समाधान करने के उद्देश्य से शुरू हुआ, जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है.

By Vikash Kumar Upadhyay | April 2, 2024 12:13 PM

Meta Collab with PTI: इन दिनों अब मेटा भी मिसलीडिंग कंटेंट और गलत सूचनाओं को लेकर काफी ज्यादा एक्टिव हो गया है. मिसलीडिंग कंटेंट और गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक करने के लिए मेटा नें फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स सहित प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के साथ हाथ मिलाया है.

आपको बता दें कि इस साझेदारी के बाद, पीटीआई कंपनी के लिए एक स्वतंत्र तथ्य-जांचकर्ता बन जाएगा और गलत सूचनाओं की पहचान, समीक्षा और रेटिंग करने में मदद करेगा. इस कदम के साथ, मेटा ने अब भारत में 12 फैक्ट चेकिंग एजेंसियों के साथ साझेदारी की है और 16 भारतीय भाषाओं में कंटेंट पर कवरेज किया है.

1 अप्रैल को एक प्रेस विज्ञप्ति में, मेटा ने घोषणा की और कहा, “आज, हम प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को शामिल करने के लिए भारत में अपने तीसरे पक्ष यानी थर्ड पार्टी के फैक्ट चेक प्रोग्राम का विस्तार कर रहे हैं, जो पीटीआई को मेटा प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना के रूप में कंटेंट की पहचान, समीक्षा और मूल्यांकन करने में सक्षम बनाएगी.

इस साझेदारी के साथ ही मेटा के अब भारत में 12 फैक्ट-चेकिंग पार्टनर हैं, जिनमें एएफपी-हब, द क्विंट, न्यूजचेकर, इंडिया टुडे फैक्ट चेक, फैक्टली और अन्य शामिल हैं. सोशल मीडिया दिग्गज ने कहा कि इसने अब भारत को मेटा में विश्व स्तर पर सबसे अधिक थर्ड पार्टी फैक्ट चेक भागीदारों वाला देश बना दिया है.

आपोक जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी के पास क्षेत्रीय भाषा की कंटेंट पर भी व्यापक कवरेज है, जिसमें भागीदारों द्वारा अंग्रेजी के अलावा 16 भारतीय भाषाओं को कवर किया गया है, जिनमें हिंदी, बंगाली, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और बहुत कुछ शामिल हैं.

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