Microsoft on Google : आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई की वजह से माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के बीच तकरार छिड़ गई है. दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट सीईओ सत्या नडेला ने गूगल को लेकर खरी-खरी सुनायी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में वाशिंगटन डीसी की एक अदालत में गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है.
गूगल के खिलाफ दायर किये गए मुकदमे में गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए कई गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. गूगल के खलाफ हो रही इस सुनवाई में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने गवाही दी. उन्होंने आरोप लगाया कि गूगल की इस हरकत से माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है.
Also Read: Google Chrome को भी मिलेगा Microsoft Edge का यह जबरदस्त फीचर, अब पढ़ ही नहीं बल्कि सुन भी सकेंगे आर्टिकल्ससत्या नडेला ने अदालत को बताया है कि गूगल के अनुचित रणनीति का इस्तेमाल करने की वजह से सर्च इंजन के रूप में उसका प्रभुत्व बढ़ा है. उन्होंने कहा कि ऐसी रणनीति के चलते ही उनकी कंपनी का प्रतिद्वंद्वी कार्यक्रम बिंग उतना सफल नहीं रहा, जितनी उससे उम्मीद थी. बता दें कि बिंग भी सर्च इंजन के रूप में काम करता था.
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के खिलाफ दाखिल एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान वाशिंगटन डीसी की अदालत में गवाही दी. यह मुकदमा कंपनी के खिलाफ सरकार की ओर से दाखिल किया गया है. न्याय मंत्रालय का आरोप है कि गूगल ने उपभोक्ताओं की कीमत पर कंपीटिशन और इनोवेशन को कम करने के लिए अपने बड़े फलक पर मौजूद सर्च इंजन के प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है.
Also Read: VIDEO: निष्क्रिय खातों के खिलाफ सख्त मूड में Googleआपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1990 के दशक के आखिरी वर्षों में माइक्रोसॉफ्ट को भी ऐसे ही आरोपों का सामना करना पड़ा था. नडेला ने कहा कि गूगल का प्रभुत्व उन समझौतों के कारण था, जिसने इसे स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर डिफॉल्ट ब्राउजर बना दिया.
सत्या नडेला ने कहा कि आम तौर पर यूजर्स के पास मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर डिफॉल्ट वेब ब्राउजर पर अधिक विकल्प नहीं हैं. उन्होंने कहा, हम विकल्पों में से एक हैं लेकिन हम डिफॉल्ट नहीं हैं.