चांद पर जाने वाली पहली महिला हो सकती हैं इस्राइल की जेसिका मीर, रचेंगी इतिहास
नासा की अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर चांद पर कदम रखने वाली पहली महिला हो सकती हैं. जेसिका मीर को आर्टेमिस चंद्र अभियान के तहत पहली महिला के तौर पर चांद पर कदम रखने का मौका मिल सकता है. जेसिका के लिए अंतरिक्ष कोई अजूबा नहीं है. 2019 में वह अंतरिक्ष में चहलकदमी कर चुकी हैं.
नासा की अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर चांद पर कदम रखने वाली पहली महिला हो सकती हैं. जेसिका मीर को आर्टेमिस चंद्र अभियान के तहत पहली महिला के तौर पर चांद पर कदम रखने का मौका मिल सकता है. जेसिका 12 दिसंबर, 1972 के बाद ऐसा करने वाली पहली इंसान भी होंगी. जेसिका के लिए अंतरिक्ष कोई अजूबा नहीं है. 2019 में वह अंतरिक्ष में चहलकदमी कर चुकी हैं.
पहले फीमेल स्पेसवॉक में हिस्सा लेकर उन्होंने इतिहास रचा था. जेसिका मीर यहूदी और स्वीडिश नागरिक हैं. उनकी मां स्वीडिश थीं और उनके पिता इस्राइली सेफार्डी थे. यही कारण है कि जेसिका अपने यहूदी और इस्राइली जड़ों से भी बेहद लगाव रखती हैं, यही वजह है कि वे अपने साथ अंतरिक्ष में इस्राइली झंडे के साथ कई अन्य चीजें ले गयी थीं.
खास बातें
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1972 के बाद चांद पर उतरने वाली पहली इंसान होंगी जेसिका
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1963 में अंतरिक्ष की यात्रा पर गयी थीं वेलेंतिना तेरेस्कोवा, बनीं थी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री
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2019 में वह अंतरिक्ष में कर चुकी हैं चहलकदमी, रचा था इतिहास
बता दें कि जेसिका मीर से जुड़ी ये घोषणा नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत की गयी है. इस प्रोग्राम के तहत कई सारे अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया जायेगा. आपको बता दें कि आर्टेमिस यूनान की एक देवी के नाम पर रखा गया है, जो अपोलो की जुड़वां बहन थीं, 1960 और 1970 के दशक में नासा ने अंतरिक्ष अभियान को अपोलो नाम दिया था.
गौरतलब है कि सोवियत संघ की कॉस्मोनॉट वेलेंतिना तेरेस्कोवा पहली महिला थीं, जो 1963 में अंतरिक्ष की यात्रा पर गयी थीं. हालांकि अब भी दुनिया भर में महिला अंतरिक्षयात्रियों की संख्या बेहद कम है. गौरतलब है कि कि इससे पहले 1963 में वेलेंतिना तेरेस्कोवा अंतरिक्ष की यात्रा पर जाकर पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं थी.
Posted by: Pritish Sahay