AI मॉडल से प्रोटीन की संरचना समझाने वाले बेकर, हस्साबिस और जंपर को रसायन का नोबेल

नोबेल समिति ने कहा कि हस्साबिस और जंपर ने एक AI मॉडल तैयार किया, जो लगभग सभी प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान व्यक्त करने में सक्षम है, जिनकी पहचान अनुसंधानकर्ताओं ने की है.

By Rajeev Kumar | October 10, 2024 11:22 PM

AI मॉडल से प्रोटीन की संरचना समझाने वाले वैज्ञानिकों डेविड बेकर, डेमिस हस्साबिस और जॉन जंपर को इस साल का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने बुधवार को उनके नाम की घोषणा की. नोबेल समिति ने कहा कि 2003 में बेकर ने एक नया प्रोटीन डिजाइन किया था और तब से उनके अनुसंधान समूह ने एक के बाद एक कल्पनाशील प्रोटीन का निर्माण किया है, जिसमें ऐसे प्रोटीन शामिल हैं जिनका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, टीकों, नैनोमैटेरियल और छोटे सेंसर के रूप में किया जा सकता है.

नोबेल समिति ने कहा कि हस्साबिस और जंपर ने एक एआइ मॉडल तैयार किया, जो लगभग सभी प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान व्यक्त करने में सक्षम है, जिनकी पहचान अनुसंधानकर्ताओं ने की है. बता दें कि प्रोटीन डिजाइन एक तकनीक है, जिसमें प्रोटीन की संरचना में बदलाव कर नये गुण वाले प्रोटीन तैयार किये जाते हैं.

एआइ मॉडल से यह संभव हो पाया है. बता दें कि प्रोटीन मनुष्य के शरीर के लिए केमिकल टूल की तरह काम करता है. यह शरीर में होने वाले सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जो मानव जीवन का आधार होते हैं. प्रोटीन अलग-अलग एमीनो एसिड से मिल कर बना होता है. बेकर ने इन एमीनो एसिड का इस्तेमाल कर एक नये तरह का प्रोटीन बनाया.

अल्फाफोल्ड से एंटीबायोटिक्स को समझने में मिली मदद, 20 लाख लोग करते हैं इसका इस्तेमाल
डेमिस हस्साबिस और जॉन जंपर ने साल 2020 में एक एआइ मॉडल अल्फाफोल्ड-2 बनाया, जिसकी मदद से वैज्ञानिक सभी प्रोटीन की संरचना को काल्पनिक रूप से समझ पाये. आज अल्फाफोल्ड मॉडल का इस्तेमाल 190 देशों के करीब 20 लाख लोग करते हैं. प्रोटीन संरचना को समझने से वैज्ञानिकों को एंटीबायोटिक को बेहतर जानने और प्लास्टिक को तोड़ने वाले एंजाइम्स बनाने में मदद मिली.

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