NVIDIA AI Summit 2024 Highlights: मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेक्शन सेंटर में एनवीडिया एआई समिट 2024 में एआई को लेकर कई फैसले लिये गए हैं. चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी एनवीडिया ने भारतीय उद्यमों के साथ कई रणनीतिक साझेदारी की है. ये साझेदारियां कृत्रिम मेधा (एआई) और डेटा व्यवसाय में भारत की विशाल क्षमता से लाभ उठाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को बताती हैं.
ग्लोबल एआई लीडर के रूप में भारत का भविष्य
मुंबई में ‘एनवीडिया एआई सम्मेलन 2024’ के दौरान यह घोषणाएं की गईं. कार्यक्रम में इसके संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने वैश्विक एआई नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत के भविष्य पर अपने विचार रखे. हुआंग ने कहा कि भारत को लंबे समय से एक सॉफ्टवेयर निर्यात केंद्र के रूप में पहचाना जाता है और अब देश एआई निर्यात में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की दहलीज पर है.
टेक महिंद्रा के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
एनवीडिया रिलायंस के डेटा सेंटरों के लिए अपने ब्लैकवेल एआई प्रॉसेसर की आपूर्ति करेगी. इसके अलावा कंपनी योट्टा डेटा सर्विसेज और टाटा कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों के डेटा सेंटरों को हॉपर एआई चिप्स देगी. एनवीडिया टेक महिंद्रा के साथ साझेदारी में एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) शुरू कर रही है. यह केंद्र पुणे और हैदराबाद में टेक महिंद्रा के मेकर्स लैब के भीतर स्थित होगा.
हनुमान एआई, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, और इंफोसिस ने भी की एनवीडिया के साथ साझेदारी
हुआंग ने कहा, भारत ने सॉफ्टवेयर का उत्पादन और निर्यात किया है… भविष्य में, भारत एआई का निर्यात करेगा. इस दौरान हनुमान एआई, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ज्ञानी डॉट एआई और इंफोसिस ने भी एनवीडिया के साथ साझेदारी की है.
डिजिटल इंटेलीजेंस में भारत आगे बढ़ रहा
हुआंग ने संवाददाताओं से कहा, आपके पास अपने देश में कच्चे डेटा को इकट्ठा करने और उसे बुद्धिमत्ता में बदलने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं. आप इसे एक मॉडल में कोड कर सकते हैं और अपनी खुद की डिजिटल मेधा का निर्माण कर सकते हैं और उसे निर्यात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है और उन्हें उस वक्त का बेसब्री से इंतजार है जब भारत बड़े पैमाने पर एआई का निर्माण शुरू कर देगा.
चिप निर्माण पर एआई को प्राथमिकता मिले
एनवीडिया के संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भारतीय कंपनियों को चिप निर्माण पर एआई को प्राथमिकता देने की भी सलाह दी. हुआंग ने कहा कि आप विनिर्माण में अन्य देशों का अनुसरण करें, बल्कि भारत को इस भविष्य की एआई फैक्टरी में तेजी से उतर जाना चाहिए. इसमें देरी नहीं करनी चाहिए. (पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)
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