Online Betting का विज्ञापन न करने की सरकारी सलाह से किसको होगा फायदा? जानिए यहां
Online Betting: गेमिंग इंडस्ट्री में सट्टेबाजी और जुआ कंपनियां प्रवेश कर गई हैं. गेमिंग उद्योग निकाय ने कहा है- सेलिबिट्रीज और इंफल्यूएन्सर इन्हें बढ़ावा न दें.
Online Betting : गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर एआईजीएफ ने उपभोक्ता निगरानी संस्था की विज्ञापन न करने सलाह को फायदेमंद बताया है. एआईजीएफ ने कहा कि मशहूर हस्तियों और इंफल्यूएन्सर लोगों को सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
गेमिंग उद्योग निकाय एआईजीएफ ने कहा कि मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों को ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों को बढ़ावा देने से परहेज करने की उपभोक्ता निगरानी संस्था सीसीपीए की सलाह से वास्तविक मंचों को अवैध मंचों से अलग करने में मदद मिलेगी. 75 रुपये में मिलेगी मनोरंजन की खुराक, आ रहा देश का पहला सरकारी ओटीटी मंच
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सभी हितधारकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए सहित अवैध गतिविधियों का समर्थन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस चेतावनी पर गेमिंग फेडरेशन एआईजीएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोलैंड लैंडर्स ने एक बयान में कहा, हम देश-विरोधी अवैध विदेशी गेमिंग साइटों के खिलाफ ऐसा निर्णायक कदम उठाने के लिए सरकार के आभारी हैं जो सरोगेट समाचार और खेल वेबसाइटों की आड़ में भारत में विज्ञापन दे रही हैं. इससे वैध भारतीय ऑनलाइन कौशल गेमिंग परिचालकों को अलग करने में मदद मिलेगी. Digital Media: बहुत जल्द टेलीविजन को पीछे छोड़ेगा डिजिटल मीडिया, यहां पढ़े पूरी रिपोर्ट
सीसीपीए की सलाह सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों की बढ़ती घटनाओं के जवाब में आई है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुरूप दी गई सलाह में विभिन्न कानूनों के तहत निषिद्ध गैरकानूनी गतिविधियों के विज्ञापन, प्रचार और समर्थन पर रोक लगाने पर जोर दिया गया है.
लैंडर्स ने कहा, एआईजीएफ 2018 से ही इस खतरे का जिक्र करता रहा है. हम लगातार इन मुद्दों को विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के साथ उठा रहे हैं. हमने भारत के प्रमुख ओटीटी मंचों, सैटेलाइट चैनलों, समाचार पत्रों और कई भारतीय खेल लीग में प्रायोजकों के रूप में लगातार विज्ञापन देने के साक्ष्य भी मुहैया कराये हैं.
उन्होंने उम्मीद जतायी कि टीवी नेटवर्क, ओटीटी और समाचार प्रकाशक सीसीपीए की सलाह को गंभीरता से लेंगे और इन देश-विरोधी वेबसाइटों का समर्थन नहीं करेंगे.