Mobile App के जरिये होगी सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री, RBI ने पेश किया नया ऐप
मोबाइल ऐप के जरिये खुदरा निवेशक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप का उपयोग करके सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने खुदरा निवेशकों समेत अन्य के लिए चीजों को सुगम बनाने को कई कदम उठाये हैं. इसके तहत एक तरफ जहां सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी के लिए मोबाइल ऐप जारी किया वहीं दूसरी तरफ सरल तरीके से ऑनलाइन आवेदन को लेकर ‘प्रवाह’ पोर्टल शुरू किया गया.
मोबाइल ऐप के जरिये खुदरा निवेशक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप का उपयोग करके सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति या इकाई के लिए विभिन्न नियामकीय मंजूरियों के लिए सरल तरीके से ऑनलाइन आवेदन करने को लेकर प्रवाह पोर्टल शुरू किया गया है.
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि यह पोर्टल रिजर्व बैंक की तरफ से नियामकीय मंजूरी देने से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाएगा. इसके अलावा आरबीआई ने ‘फिनटेक रिपॉजिटरी’ पहल की है. गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा शुरू की गई इस तीसरी पहल का मकसद नियामकीय दृष्टिकोण से क्षेत्र की बेहतर समझ के लिए भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों के आंकड़ों का भंडारण करना और उचित नीति दृष्टिकोण तैयार करने में सुविधा प्रदान करना है.
‘प्रवाह’ (नियामकीय आवेदन, सत्यापन और मंजूरी के लिए मंच) पोर्टल सुरक्षित और केंद्रीकृत वेब-आधारित मंच है. यह किसी भी व्यक्ति या इकाई के लिए रिजर्व बैंक से जुड़े मामलों में मंजूरी, लाइसेंस या नियामकीय अनुमोदन प्राप्त करने का मंच है.
आरबीआई ने बयान में पोर्टल की विशेषताओं को साझा करते हुए कहा कि विभिन्न नियामक और निगरानी विभागों से जुड़े 60 आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किये जा सकते हैं. संबंधित इकाई पोर्टल पर आवेदन की स्थिति को देख सकती है. साथ ही आरबीआई किसी आवेदन से संबंधित निर्णय समयबद्ध तरीके से भेज सकता है. इसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर और आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे.
सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री से जुड़े ‘रिटेल डायरेक्ट’ मोबाइल ऐप के संबंध में बयान में कहा गया है कि इसके जरिये खुदरा निवेशक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप का उपयोग करके सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
मोबाइल ऐप को एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के लिए ‘प्ले स्टोर’ और आईओएस उपयोगकर्ताओं के लिए ‘ऐप स्टोर’ से डाउनलोड किया जा सकता है. वर्तमान में, ‘रिटेल डायरेक्ट’ पोर्टल खुदरा निवेशकों को भारतीय रिजर्व बैंक के साथ खुदरा प्रत्यक्ष सरकारी प्रतिभूति खाते खोलने की सुविधा प्रदान करता है. खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत यह सुविधा दी गई है.
पोर्टल नवंबर, 2021 में शुरू किया गया था. यह खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियां खरीदने के साथ-साथ द्वितीयक बाजार में उसे खरीदने और बेचने की सुविधा देता है. बयान के अनुसार, फिनटेक रिपॉजिटरी का लक्ष्य नियामकीय दृष्टिकोण और उपयुक्त नीतिगत रुख बनाने के मकसद से वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों, उनकी गतिविधियों, प्रौद्योगिकी उपयोग आदि के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करना है. नियमन के दायरे में आने और उससे बाहर रहने वाली दोनों तरह की वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को रिपॉजिटरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इसके साथ ही, ‘एमटेक रिपॉजिटरी’ भी जारी किया गया है. यह केवल आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयों (बैंकों और एनबीएफसी) के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों (कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि) को अपनाने के लिए एक संबंधित रिपॉजिटरी है. फिनटेक और एमटेक रिपॉजिटरी सुरक्षित वेब-आधारित एप्लिकेशन हैं और इन्हें आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) प्रबंधित करती है.
आरबीआई ने खुदरा निवेशकों के लिए कौन-कौन से नए उपाय किए हैं?
आरबीआई ने एक मोबाइल ऐप जारी किया है जिससे खुदरा निवेशक सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं, और ‘प्रवाह’ नाम का एक पोर्टल शुरू किया है जिससे ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सरल हो गई है।
‘प्रवाह’ पोर्टल का उद्देश्य क्या है?
‘प्रवाह’ पोर्टल का उद्देश्य रिजर्व बैंक से जुड़े मामलों में मंजूरी, लाइसेंस या नियामकीय अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुगम बनाना है।
‘रिटेल डायरेक्ट’ मोबाइल ऐप कैसे काम करता है?
‘रिटेल डायरेक्ट’ ऐप के जरिए खुदरा निवेशक अपने स्मार्टफोन पर सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं, और यह ऐप एंड्रॉयड तथा आईओएस दोनों प्लेटफार्म्स पर उपलब्ध है।
फिनटेक रिपॉजिटरी की भूमिका क्या है?
फिनटेक रिपॉजिटरी का लक्ष्य भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के आंकड़ों का भंडारण करना है ताकि नियामकीय दृष्टिकोण से क्षेत्र की बेहतर समझ विकसित की जा सके और उचित नीति दृष्टिकोण तैयार किया जा सके।
‘एमटेक रिपॉजिटरी’ क्या है?
‘एमटेक रिपॉजिटरी’ आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयों (जैसे बैंकों और एनबीएफसी) के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों (जैसे कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग) को अपनाने के लिए एक संबंधित रिपॉजिटरी है।