Right To Repair Portal: गारंटी की चिंता किये बगैर कहीं से भी रिपेयर कराएं फोन से लेकर फ्रिज तक, बड़े काम का है यह पोर्टल

Right To Repair Portal: सरकार ने राइट टू रिपेयर पोर्टल पेश किया है. मोबाइल फोन हो, लैपटॉप हो या फिर कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक अप्लांयस अब आपको इन्हें रिपेयर कराने के लिए गारंटी-वारंटी के नाम पर आप ठगे नहीं जाएंगे.

By Rajeev Kumar | June 26, 2024 8:55 AM
an image

Right To Repair Portal: आपने नया फोन लिया और कुछ दिनों तक ठीक-ठाक चलने के बाद वह बिगड़ गया. ऐसे में अब आप सर्विस सेंटर पर गारंटी-वारंटी के चक्कर में ठगे नहीं जाएंगे. मोबाइल फोन ही क्यों, लैपटॉप हो या टीवी-फ्रिज या फिर कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक अप्लांयस, अब आपको इन्हें रिपेयर कराने के लिए इंतजार नहीं करना होगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राइट टू रिपेयर पोर्टल लॉन्च किया है. साथ ही, सरकार ने वारंटी के नियमों में कुछ बदलाव किये हैं. दरअसल, कंज्यूमर्स की सुविधाओं के लिए सरकार राइट टू रिपेयर की नयी पॉलिसी भी लायी है.

Right to Repair पोर्टल पर आपको इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स से रिलेटेड कई सारी जानकारियां मिलेंगी. लेकिन क्या इसका यह मतलब है कि आप अपने फोन को कहीं भी और कैसे भी रिपेयर करा सकते हैं? इससे आपके डिवाइस की वारंटी या गारंटी पर असर नहीं पड़ेगा? इसके लिए हमें राइट टू रिपेयर पोर्टल से जुड़ी कुछ बातों को समझने की जरूरत है.

राइट टू रिपेयर पोर्टल क्या है?

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने राइट टू रिपेयर पोर्टल बनाया है. इस पोर्टल का मकसद ग्राहकों को किसी भी प्रोडक्ट के रिपेयर से जुड़ी जानकारी देना है. यानी इस पोर्टल से आप खराब मोबाइल फोन, टीवी, वॉशिंग मशीन या बाइक के उसे पुराने से पुराने पार्ट के बारे में पता कर सकते हैं, जिसके बारे में कंपनी या सर्विस सेंटर वाले यह कहकर टाल दिया करते हैं कि फलां प्रोडक्ट का पार्ट नहीं मिल रहा है, फलां प्रोडक्ट बनना बंद हो गया, उसकी मरम्मत अब नहीं हो सकती और स्पेयर पार्ट नहीं मिलेगा. यही नहीं, कंपनियां किसी प्रोडक्ट को बनाने के लिए कस्टमर्स से एक्स्ट्रा पैसे भी वसूल नहीं पाएंगी. आसान भाषा में कहें, तो इस पोर्टल पर रिपेयर और सर्विस से जुड़े तमाम अधिकार मौजूद हैं.

Right to repair portal: गारंटी की चिंता किये बगैर कहीं से भी रिपेयर कराएं फोन से लेकर फ्रिज तक, बड़े काम का है यह पोर्टल 2

राइट टू रिपेयर पोर्टल पर ये कंपनियां रजिस्टर्ड

राइट टू रिपेयर के तहत कंपनियों को रजिस्टर्ड किया जा रहा है. इससे उपभोक्ताओं को उनके प्रोडक्ट्स को लेकर किसी भी तरह की जानकारी पाने या किसी भी प्रोडक्ट को रिपेयर कराने में आसानी होगी. इस पोर्टल के जरिए आपको यह जानकारी भी मिल पाएगी कि रिपेयर कराने और पुराने पार्ट को बदलने में कितना खर्च आयेगा. इस पोर्टल के तहत फार्मिंग सेक्टर से लेकर मोबाइल और अन्य कंपनियां शामिल हैं. इस पोर्टल पर सैमसंग, बोट, हैवेल्स, केंट, होंडा, हीरो, माइक्रोटेक, एलजी, ओपो, पैनासोनिक और ऐपल जैसी कंपनियों को रजिस्टर्ड किया गया है.

ALERT: बिना OTP के भी साइबर ठग चुरा सकते हैं आपका पैसा

Elon Musk ने पेश किया Starlink Mini; जंगल हो यह पहाड़, हर जगह मिलेगा सुपरफास्ट इंटरनेट

स्‍पेयर पार्ट्स की किचकिच

हम में से कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि खरीदने के कुछ ही समय बाद प्रोडक्ट्स में कोई खराबी निकल जाती है. ऐसे में दुकानदार की ओर से तो शायद ही कोई मदद मिल पाती है, क्योंकि अक्सर वह सर्विस सेंटर जाने की सलाह देने से ज्यादा और कुछ कर नहीं पाता. यहीं से ग्राहकों की परेशानी का दौर शुरू हो जाता है. कई बार तो ग्राहक सर्विस सेंटर के चक्‍कर काट-काटकर इतने हताश हो जाते हैं कि वे पुराना सामान छोड़, नया लेने में ही अपनी भलाई समझ लेते हैं. स्‍पेयर पार्ट्स की कीमतों को लेकर भी कोई स्‍पष्‍टता नहीं होना इसमें बड़ी भूमिका निभाता है, क्‍योंकि सर्विस सेंटर वाले रिपेयरिंग और स्‍पेयर्स के लिए अक्‍सर अनाप-शनाप चार्ज करते हैं. इस कारण भी लोग सोचते हैं कि जितने में रिपेयर कराएंगे, उससे अच्‍छा नया ही ले लेते हैं. देश में ई-कचरा बढ़ने के पीछे यह भी एक बड़ी वजह है.

राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क में ये चार सेक्टर शामिल

राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क के दायरे में जो चार क्षेत्र आते हैं, उनमें मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मिंग उपकरण, ऑटोमोबाइल उपकरण और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शामिल हैं. मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स में मुख्य रूप से मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेटा स्टोरेज सर्वर, प्रिंटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे उत्पाद शामिल हैं, तो वहीं, फार्मिंग सेक्टर में मुख्य रूप से वाटर पंप मोटर, ट्रैक्टर पा‌र्ट्स और हार्वेस्टर को शामिल किया गया है. दूसरी ओर, ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में यात्री वाहन, कार, दोपहिया औरव इलेक्ट्रिक वाहन शामिल किये गए हैं, तो कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में टीवी, फ्रिज, गीजर, मिक्सर, ग्राइंडर, चिमनी जैसे विभिन्न उत्पादों को शामिल किया गया है.

Right to Repair पोर्टल के फायदे भी जान लीजिए

राइट टू रिपेयर के ऑनलाइन पोर्टल पर आपको सेल्फ-रिपेयर मैन्युअल और ऑथराइज्ड थर्ड पार्टी रिपेयर प्रोवाइडर्स की डिटेल्स मिलेगी. इसकी मदद से यूजर्स लोकल शॉप पर भी अपने लैपटॉप, स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस ठीक करा सकते हैं. इससे उनकी वारंटी खत्म नहीं होगी. इस पोर्टल पर मौजूद चार सेक्टर्स- फार्मिंग इक्विपमेंट, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल और ऑटोमोबाइल इक्विपमेंट के लिए सुविधा मिलेगी. राइट टू रिपेयर पोर्टल पर आपको कई सर्विसेस का ऑप्शन मिलेगा. इसमें प्रोडक्ट रिपेयर और मेंटेनेंस, पार्ट रिप्लेसमेंट और वारंटी की जानकारी मौजूद होगी.

कंपनी की वारंटी का क्या होगा?

आपको सबसे पहले राइट टू रिपेयर की आधिकारिक वेबसाइट https://righttorepairindia.gov.in/index.php पर जाना है. यहां आपको तमाम कंपनियों के ऑप्शंस मिल जाएंगे, जहां आप इनके डीटेल्स एक्सेस कर पाएंगे. जैसे ही आप वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपको कस्टमर केयर, ऑथराइज्ड स्टोर, रिपेयर मैन्युअल और वारंटी की डीटेल्स मिलेगी. ध्यान रहे कि राइट टू रिपेयर का मतलब यह नहीं है कि आप अपने डिवाइस के साथ कोई भी खिलवाड़ करेंगे, तो उसकी वारंटी खत्म नहीं होगी. अगर आप फोन में लोकल पार्ट्स या डुप्लीकेट पार्ट्स का इस्तेमाल करेंगे, तो निश्चित रूप से इससे आपके फोन या दूसरी डिवाइस की गारंटी या वारंटी प्रभावित हो जाएगी.

Exit mobile version